December 19, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सतत विकास और ऊर्जा परिवर्तन विषय पर जी-20 में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का संबोधन।

दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन में ‘सतत विकास और ऊर्जा संक्रमण’ पर स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए आवास, जल संसाधन, ऊर्जा और स्वच्छता जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत में संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान समूह ने 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता दर को दोगुना करने का संकल्प लिया था। उन्होंने सतत विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए ब्राजील के निर्णय का स्वागत किया।

‌प्रधानमंत्री ने सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले दस वर्षों में 40 मिलियन परिवारों को आवास, पिछले पांच वर्षों में 120 मिलियन परिवारों को स्वच्छ पेयजल, 100 मिलियन परिवारों को खाना पकाने के लिए स्‍वच्‍छ ईंधन और 115 मिलियन परिवारों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला जी-20 देश था। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसमें से 200 गीगावाट हासिल किया जा चुका है। उन्होंने भारत द्वारा उठाए गए वैश्विक कदमों के बारे में भी बात की, जैसे कि अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन, आपदारोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, मिशन लाइफ, एक सूर्य एक दुनिया एक ग्रिड और एक स्थायी प्‍लेनेट को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन। प्रधानमंत्री ने ग्‍लोबल साउथ, विशेषकर छोटे द्वीप विकासशील राज्यों की सतत विकास आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए जी-20 से तीसरे वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा घोषित वैश्विक विकास समझौते का समर्थन करने का आग्रह किया।

‌ग्लोबल साउथ के देशों, विशेष रूप से स्माल इजलेंड डेवलेपिंग स्टेट्स के लिए, आर्थिक विकास उनकी प्राथमिकता है। डिजिटल युग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव के साथ, एक संतुलित और उपयुक्त ऊर्जा मिश्रण की आवश्यकता और भी अहम हो जाती है । ऐसे में, ग्लोबल साउथ को एनर्जी ट्रांजिशन के लिए अफोर्डेबल और एस्योर्ड क्लाइमेट फाइनेंस का महत्व बढ़ गया है। टेक्नॉलॉजी और फाइनेंस उपलब्ध कराने के विकसित देशों के संकल्पों को समय पर पूरा किया जाना भी आवश्यक है।

जी20 में शासन के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, एआई और डेटा पर , भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की संयुक्त विज्ञप्ति:-

‌‌सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए समावेशी डिजिटल परिवर्तन की जरूरत पर जोर दिया गया है। अनुभवों के आधार पर कई जी-20 देशों ने बताया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) द्वारा संवर्धित अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) विकास के लिए डेटा के उपयोग को सक्षम कर सकता है, नई नौकरियां पैदा कर सकता है और बेहतर स्वास्थ्य तथा शिक्षा परिणाम प्रदान कर सकता है। जी-20 देशों द्वारा बड़े स्तर पर इन्हें अपनाने से नागरिकों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन हो सकता है, जिससे जीवंत लोकतांत्रिक सिद्धांतों में उनका विश्वास फिर से बढ़ेगा। इस संदर्भ में, हम संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट को अपनाने को याद करते हैं। हम 2024 में मिस्र के काहिरा में आयोजित वैश्विक डीपीआई शिखर सम्मेलन का भी स्वागत करते हैं।

रोजगार सृजन के साथ विकास के लाभ तभी प्राप्त किए जा सकते हैं जब तकनीकी प्रणालियां प्रत्येक नागरिक पर ध्यान केंद्रित करें, जिससे छोटे और बड़े व्यवसाय परिवारों और पड़ोस की आजीविका में सुधार करने के लिए उनसे जुड़ सकें। ऐसा तब होता है जब ऐसी प्रणालियां समावेशी, विकासोन्मुख, सुरक्षित और व्यक्तियों की गोपनीयता का सम्मान करने के लिए डिज़ाइन की गई हों। बाज़ार में, सामान्य डिज़ाइन सिद्धांतों का पालन करने वाली खुला, मॉड्यूलर, इंटरऑपरेबल और स्केलेबल प्रणालियां ईकॉमर्स, स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्त जैसे विविध क्षेत्रों की सेवा करने वाले निजी क्षेत्र को तकनीकी प्रणाली और एक-दूसरे से जुड़ने में सक्षम बनाती हैं। समय के साथ, जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती है और जब राष्ट्रीय ज़रूरतें बदलती हैं, तो प्रणालियां सहज रूप से अनुकूलित हो जाती हैं।

समय के साथ प्रौद्योगिकी के निर्बाध रूपातंरण के लिए बाजार के सहभागियों के लिए एक समान मौका प्रदान करने और विकास के लिए डीपीआई, एआई और डेटा की तैनाती और प्रसार के लिए प्रौद्योगिकी के स्तर पर तटस्थ दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। यह दृष्टिकोण अधिक प्रतिस्पर्धा और नवाचार का समर्थन करने और व्यापक आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था में विषमताओं को कम करने की दिशा में अनुकूल है। इस क्रियान्वयन की कुंजी शासन के लिए डेटा संरक्षण तथा प्रबंधन और गोपनीयता तथा सुरक्षा के मुद्दे का उचित हल निकालते हुए बाजार प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकारों और उनकी गोपनीय जानकारी की सुरक्षा प्रदान करने के लिए न्यायसंगत सिद्धांतों की स्थापना है।

Prime Minister Narendra Modi’s address at G-20 on the topic of sustainable development and energy transition.

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