रुद्रप्रयाग
सैन्य बाहुबल क्षेत्र में दूसरा सैनिक स्कूल का चल रहा था निर्माण
10 करोड़ खर्च कर सरकार ने सैनिक स्कूल जखोली का निर्माण अधूरा छोड़ दिया।
रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में सैनिक स्कूल संचालन सोसाइटी को वित्तीय मंजूरी मिली थी
स्कूल का निर्माण रिटेनिंग वाल से आगे नहीं बढ़ पाया है।
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के मुताबिक स्कूल बनने से पूरे प्रदेश का होता भला
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी बताते हैं, स्कूल की डीपीआर तैयार कर इसे शासन को भेजा गया है
प्रदेश में वर्तमान में एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल नैनीताल जिले में है
एकमात्र सैनिक स्कूल यूपी के समय से चल रहा है
उत्तराखंड के अलग राज्य गठन के बाद राज्य में एक अन्य सैनिक स्कूल की जरूरत महसूस की गई
जखोली में की थी सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा
वर्ष 2013 में तत्कालीन सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग के जखोली में सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी
इसके लिए रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल संचालन सोसाइटी ने वित्तीय मंजूरी दी थी।
केंद्र से स्कूल के लिए मंजूरी मिलने से पहले ही तत्कालीन मंत्री हरक सिंह ने इसके लिए 10 करोड़ रुपये मंजूर किए थे
लेकिन कार्यदायी संस्था यूपी राज्य निर्माण निगम ने यह धनराशि रिटनिंग वाल बनाने में ही खर्च कर दी
जखोली में सैनिक स्कूल के लिए 52 एकड़ भूमि चयनित की गई थी। स्कूल बनने से कम से कम 300 छात्रों को शैक्षणिक सुविधा मिलती। स्कूल के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने यह सोचकर की क्षेत्र में सैनिक स्कूल बनेगा अपनी कृषि और गैर कृषि भूमि दान की थी।
सैनिक कल्याण-शिक्षा विभाग के बीच भी उलझा मामला
सैनिक स्कूल के निर्माण को लेकर शिक्षा और सैनिक कल्याण विभाग के बीच भी मामला उलझा रहा।
शुरुआत में स्कूल का निर्माण कार्य सैनिक कल्याण विभाग ने कराया।
जब काम लटक गया तो इसे शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया।