उत्तराखंड, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संस्कृत भारती द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय गोष्ठी’ में कहा, संस्कृत भारती का हर सदस्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह राज्य का गौरव है कि देववाणी संस्कृत देवभूमि उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है। संस्कृत भाषा अभिव्यक्ति का साधन एवं मनुष्य के संपूर्ण विकास की कुंजी भी है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने आज व्यास मंदिर, भूपतवाला, हरिपुरकलां, देहरादून में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय गोष्ठी’ के शुभारंभ सत्र में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं उसे अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है। संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा गैरसैंण में आयोजित हुए विधानसभा सत्र के दौरान संस्कृत संभाषण शिविर चलाकर सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को संस्कृत बोलने के लिए प्रेरित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक संस्कृत पाठशालाएं प्रारंभ की जा रही हैं। सभी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर स्थित बोर्ड को हिंदी के साथ संस्कृत में लिखे जाने के प्रयास जारी हैं।उन्होंने कहा कि साहित्य से लेकर विज्ञान तक, धर्म से लेकर आध्यात्म तक और खगोलशास्त्र से लेकर शल्य चिकित्सा तक, हर क्षेत्र से जुड़े ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं। हजारों साल पहले भारतीयों ने उत्कृष्ट ज्ञान के चलते पंचांग, ग्रहों और नक्षत्रों की जानकारी जुटा ली थी।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, प्रो. गोपबन्धु , दिनेश कामत, से के. श्रीनिवास प्रभु, श्रीमती जानकी त्रिपाठी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
Sanskrit language is a means of expression and also the key to the overall development of man: Chief Minister Pushkar Singh Dhami.