November 1, 2025

विधायक निधि खर्च करने में सौरभ बहुगुणा और गणेश जोशी आगे, धन सिंह रावत व प्रेमचंद अग्रवाल पीछे

विधायक निधि के उपयोग को लेकर ज्यादातर विधान सभा सदस्यों को और ज्यादा सक्रियता दिखानी होगी। वर्ष 2022-23 से लेकर दिसंबर 2024 तक सभी 70 विधायकों को 964 करोड़ रुपये विधायक विकास निधि के रूप में आवंटित किए गए, जिसमें से 589.21 करोड़ रुपये खर्च हुआ। इस तरह विधायक निधि के उपयोग की दर 61 प्रतिशत है।

यह खुलासा सूचना के अधिकार कानून के तहत प्राप्त सूचना से हुआ है। एडवोकेट नदीम उद्दीन ने ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से यह सूचना प्राप्त की है। प्राप्त सूचना के आधार पर विधायक निधि खर्च के मामले में जहां तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रियों के प्रदर्शन का सवाल है तो कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा सबसे आगे हैं

सौरभ सितारगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और उन्होंने 85 प्रतिशत निधि का उपयोग कर लिया है। उनके बाद मसूरी से विधायक कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने 72 प्रतिशत, सोमेश्वर का प्रतिनिधित्व कर रहीं कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने 64 प्रतिशत, नरेंद्र नगर से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल 57 प्रतिशत और चौबट्टाखाल से विधायक कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने 56 प्रतिशत विधायक निधि खर्च की है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 29 प्रतिशत और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 33 प्रतिशत निधि का ही उपयोग किया है। उन्हें निधि के अधिकतम इस्तेमाल के लिए और सक्रियता दिखानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 53 प्रतिशत विधायक निधि खर्च की है।
धामी कैबिनेट के किस मंत्री ने कितनी खर्च की विधायक निधि

मंत्री विस क्षेत्र खर्च प्रतिशत
सौरभ बहुगुणा सितारगंज 85
गणेश जोशी मसूरी 72
रेखा आर्य सोमेश्वर 64
सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर 57
सतपाल महाराज चौबट्टाखाल 56
प्रेमचंद अग्रवाल ऋषिके 33
डॉ. धन सिंह रावत श्रीनगर 29
खर्च में विधायक बत्रा सबसे आगे

मंत्रियों के छोड़कर विधायकों में रूड़की से भाजपा विधायक प्रदीप बतरा ने सबसे अधिक विधायक निधि खर्च की। उन्होंने 90 प्रतिशत निधि का उपयोग किया है। उनके बाद गदरपुर के विधायक अरविंद पांडेय(87 प्रतिशत), ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर(85 प्रतिशत), पिरानकलियर के विधायक फुरकान अहमद(84 प्रतिशत), नानकमत्ता के विधायक गोपाल सिंह राणा (83 प्रतिशत), खानपुर के उमेश कुमार(82 प्रतिशत), रायपुर के विधायक उमेश शर्मा (80 प्रतिशत) निधि खर्च कर चुके हैं।

खर्च में विधायक किशोर सबसे पीछे

मंत्रियों को छोड़कर उत्तराखंड में सबसे कम विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय (15 प्रतिशत) हैं। उनके अलावा लालकुआं के डॉ. मोहन सिंह बिष्ट (34 प्रतिशत), लोहाघाट खुशाल सिंह (34 प्रतिशत), चकराता प्रीतम सिंह (37 प्रतिशत), नैनीताल की सरिता आर्य (40प्रतिशत), कपकोट के सुरेश गडिया (42प्रतिशत) कालाढूंगी के बंशीधर भगत (43 प्रतिशत), रुद्रप्रयाग के भरत सिंह चौधरी (43 प्रतिशत), घनसाली से शक्ति लाल शाह (44 प्रतिशत) विधायक निधि खर्च की है ।

 

61 प्रतिशत से कम खर्च करने वाले विधायक

प्रदेश के औसत 61 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च करने वाले विधायकों में बाजपुर से यशपाल आर्य (45 प्रतिशत), हल्द्वानी से सुमित ह्रदयेश (46 प्रतिशत), भीमताल से रामसिंह कैड़ा (46 प्रतिशत), पुरोला से दुर्गेश्वर लाल (47 प्रतिशत), गंगोत्री से सुरेश चौहान(47 प्रतिशत), यमुनोत्री से संजय डोभाल (49 प्रतिशत), थराली से भोपाल राम टम्टा (55 प्रतिशत), अल्मोड़ा से मनोज तिवारी (56 प्रतिशत), काशीपुर से त्रिलोक सिंह चीमा (56 प्रतिशत), हरिद्वार से मदन कौशिक (57 प्रतिशत), कैंट से सविता कपूर (58 प्रतिशत), देवप्रयाग से विनोद कण्डारी (58 प्रतिशत), रामनगर से दीवान सिंह बिष्ट (58 प्रतिशत),पिथौरागढ़ से मयूख महर (60 प्रतिशत) और लैंसडौन से विधायक दिलीप सिंह रावत (60 प्रतिशत) हैं।

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