December 11, 2025

अकेलेपन और निराशा से घिरा छात्र, खुदकुशी की; सुसाइड नोट में लिखा- सब कुछ कंट्रोल से बाहर

जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्रावास में सोमवार को बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र का शव कमरे में फंदे से लटका मिला। इससे छात्रों सहित विवि प्रशासन में सनसनी फैल गई। अधिकारियों की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।

रुड़की (हरिद्वार) के संजय गांधी कॉलोनी निवासी सागर सैनी गाजियाबाद के सेक्टर-23 स्थित न्यू फ्रेंड्स काॅलोनी में सपरिवार रहकर व्यवसाय करते हैं। उनका पुत्र अक्षत सैनी (19) जीबी पंत कृषि विवि स्थित प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष का छात्र था और उसे रजत जयंती भवन छात्रावास में कमरा नंबर-151 आवंटित था।

सोमवार सुबह अक्षत के साथी उसे बुलाने के लिए कमरे पर पहुंचे लेकिन काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। संदेह होने पर उन्होंने दरवाजे को जोर से धक्का मारा जिससे सिटकनी टूट गई। वहां अक्षत पंखे से मफलर के सहारे फंदे पर लटका था। घबराए छात्रों ने मफलर काटकर उसे उतारा और बेड पर लिटाकर सीपीआर देने का प्रयास किया लेकिन उसका शरीर ठंडा पड़ चुका था।

साथियों ने इसी छात्रावास में रहने वाले उसकी मौसी के बेटे दिव्यांश सैनी और सुरक्षा कर्मियों को सूचना दी। मौके पर पहुंचे सहायक सुरक्षा अधिकारी ठाकुर सिंह ने वार्डन डाॅ. मनीष तिवारी, चीफ वार्डन डाॅ. एसएस गुप्ता और पंतनगर थाना पुलिस को सूचना दी। इस पर विवि प्रशासन, सुरक्षा अधिकारी, वार्डन और इंस्पेक्टर नंदन सिंह रावत और एसआई दिनेश रावत मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी रावत ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। कमरे की तलाशी में डायरी, मोबाइल और मफलर आदि बरामद हुए हैं जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी।

मृतक छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने लिखा है कि शायद अब सब चीजें कंट्रोल से बाहर होती जा रही हैं। रोना अब किसी के भी आगे अच्छा नहीं लगता। मेरी तरफ चाहे दोस्त हों या घरवाले, कोई ध्यान भी नहीं देता। विशेषकर मेरी बातों पर सब लोग यही बोलकर छोड़ देते हैं कि ये सब फालतू बातें सोचता है। हालांकि मैं अब तो कोई फालतू बात सोचता नहीं, बस ये लगता है सब हाथ से निकलता जा रहा है। घर भी वापस नहीं जा सकता क्योंकि सेकेंड ईयर में जब गया था तो अपना हाल बद से बदतर होते हुए देखा है मैंने। शायद मैं घर वालों और घर वाले मुझसे से परेशान हो चुके हैं। तो अब घर वापसी का भी कोई ऑप्शन नहीं है। ऊपर से सिविल में आईआर और बैक तो जैसे विरासत में मिली हैं इस डिपार्टमेंट को। पापा को सोचता हूं सब बता दूं, पर जब उनकी टेंशन देखता हूं और इस उम्र में भी बिजनेस में उलझे देखता हूं तो और टेंशन देने का मन नहीं करता। अंत में उसने अपने एडवाइजर डाॅ. एसके कटारिया का उनके सहयोग के लिए धन्यवाद किया।

साथी छात्रों ने बताया कि अक्षत पढ़ाई में होशियार था और रविवार को ही गाजियाबाद से पंतनगर लौटा था। रविवार शाम उसने दोस्तों के साथ छोटी मार्केट में भोजन भी किया था। वह हॉस्टल में अकेले रहता था, जबकि पास के कमरे में उसका मौसेरा भाई भी रहता है। सोमवार सुबह वह नाश्ते के लिए नहीं आया जिसके बाद छात्र उसे मेकअप परीक्षा के लिए बुलाने उसके कमरे पर पहुंचे थे।

मानसिक तनाव से गुजर रहा था अक्षत
साथी छात्रों के अनुसार अक्षत पिछले एक वर्ष से मानसिक तनाव में था। सेकेंड ईयर में वह इलाज के लिए एक-डेढ़ महीने घर पर रहा था जिससे वह कक्षाएं अटेंड नहीं कर पाया। इसके चलते उसकी तीन बैक (पुनः परीक्षा) और दो आईआर (कक्षाओं में अनियमित उपस्थिति) लगी थीं जिससे वह आहत था और अंदर ही अंदर घुट रहा था।

पंतनगर विवि के छात्रावास में एक छात्र के फंदे पर लटके होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को छात्र का शव बेड पर मिला जिसे कथित तौर पर उसके साथियों ने फंदे से उतार लिया था। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मौत के कारणों की जांच कर रही है। – मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर

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