सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनगर के अहमद तारिक बट्ट के परिवार के सदस्यों को पाकिस्तान डिपोर्ट करने पर लगाई रोक,
Delhi 02 May 2025,
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को श्रीनगर के अहमद तारिक बट्ट के परिवार के 6 सदस्यों को पाकिस्तान डिपोर्ट करने पर रोक लगा दी। कहा- ‘जब तक इन लोगों के आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई नहीं हो जाते, तब तक उनको डिपोर्ट नहीं किया जाए। विगत 20 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को, भारत सरकार ने भारत में रह रहे सभी केटेगिरी के पाकिस्तानी नागरिकों को डेडलाइन के अन्दर भारत छोड़ने के आदेश दिए थे। इसी बीच भारतीय पासपोर्ट धारक अहमद तारिक बट्ट ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के वकील नंद किशोर ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह एक चौंकाने वाला मामला है। अहमद तारिक बट्ट और उनके परिवार को सीमा पर हिरासत में लिया गया है। वह भारतीय नागरिक हैं, उनके पास भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड है। अहमद तारिक बट्ट और उसके परिवार को गाडी में बैठाकर वाघा सीमा पर ले जाया गया है। देश से बाहर निकाले जाने की कगार पर है, जबकि ये सभी भारतीय नागरिक है। इनको नोटिस जारी कर कहा गया था, कि ये सब यहां से चले जाएं। हम टोटल 6 लोग हैं। याचिकाकर्ता के माता-पिता, एक बहन और भाई तथा दो बेटे बेंगलुरू में काम करते हैं। इनके पास विदेश मंत्रालय द्वारा जारी पासपोर्ट हैं।
बता दें कि याचिकाकर्ता अहमद तारिक बट्ट का पिता तारिक मशकूर बट्ट पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर का निवासी है। उसकी मां नुसरत बट्ट श्रीनगर में जन्मी है। याचिका के मुताबिक तारिक बट्ट 1997 तक पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर में रहा। वर्ष 2000 में पूरा परिवार सरहद पार कर श्रीनगर आ गया। वह कई सालों तक कश्मीर घाटी में रहा। फिलहाल वो बेंगलुरू में रहता है। इस बीच उसने केरल के कोझिकोड में स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान से स्नातक की डिग्री ली। कुछ वर्षों से वह बेंगलुरू में एक आईटी कंपनी में कार्यरत है।
याचिकाकर्ता अहमद तारिक बट्ट ने बताया कि, उसके और उसके परिवार के पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड है। परिवार में उसकी बहन आयशा तारिक, भाई अबुबकर तारिक और उमर तारिक बट्ट हैं। याचिका के मुताबिक तारिक बट्ट मीरपुर में रहते थे। लेकिन पासपोर्ट में जन्म स्थान श्रीनगर है।
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को, पाकिस्तानी नागरिकों के कैटेगरी 14 में दिए गए वीजा रद्द किए जाने के आदेश दिए थे। कैटेगरीज 12 के वीजाधारकों को 25 अप्रैल, सार्क वीजाधारकों को 26 अप्रैल और मेडिकल वीजा वालों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया था। बाद में कैटेगरीज 12 के वीजा होल्डर्स के लिए भारत छोड़ने की समयसीमा बढ़ाकर 27 अप्रैल कर दी गई थी। इसके अलावा पाकिस्तान हाई कमीशन के डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स के डिप्लोमैट्स को ‘अन वॉन्टेड पर्सन’ घोषित किया गया है। इन्हें 30 अप्रैल तक भारत छोड़ना ही पड़ेगा।
