Delhi, 04 September 2025,
उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के कारण हुए हिम-स्खलन एवं भू-स्खलन और मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ की त्रासदी का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत 4 राज्यों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पंजाब सरकार शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और विनोद चंद्रन नकी पीठ ने कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि पेड़ों की अवैध कटाई हुई है। सीजेआई ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई का संकेत है। सीजेआई बीआर गवई की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को अधिकारियों से संपर्क कर इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए।
इसपर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि वह पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव से संपर्क करेंगे और उनसे विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का अनुरोध करेंगे। हमने प्रकृति के साथ इतना हस्तक्षेप किया है कि अब वह हमें नुकसान पहुंचा रही है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सहमति जताई। सीजेआई गवई ने आगे कहा कि हमने अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ देखी है। ये एक बहुत ही गंभीर मामला लगता है। हम पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर राज्य को नोटिस जारी करते हैं। इन राज्यों की सरकारें अगले तीन हफ्ते में हमे जवाब दें। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि केंद्र भी इस पर ध्यान दें। सीजेआई ने कहा, मीडिया में दिखाया जा रहा है कि, हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में लकड़ी के ब्लॉक बह रहे हैं। यह एक बहुत ही गंभीर मामला लग रहा है।