Delhi, 05 Jun 2025,
पीटीआई, पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में 26 लोगों की हत्या किए जाने के बाद केन्द्र सरकार ने भारत में अवैध और वीजा धारी सभी पाकिस्तानियों को देश छोड़ने (डीपोर्ट) के आदेश जारी किए गए हैं। इस असंमजस की स्थिति में अनेक पाकिस्तानी वीजा धारकों ने भारत की विभिन्न अदालतों में याचिकाएं दायर की है। ऐसे ही एक मामले में गोवा में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका को अर्जेंट मैटर के तौर पर दाखिल किया गया।
पाकिस्तानी नागरिक की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में दलील दी कि, याचिकाकर्ता 2016 से गोवा में रह रहा है, लेकिन केंद्र सरकार ने अचानक से एक दिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा निरस्त कर उन्हें वापस जाने के लिए कह दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘फिर वापस चले जाओ। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता वापस चला जाएगा। लेकिन उसकी बात सुनी जा सकती है। कोर्ट ने सवाल किया हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया? वकील ने जवाब दिया कि पुलिस याचिकाकर्ता के पास आई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया। इसके पहले इससे जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक परिवार के 6 सदस्यों को भारत की नागरिकता के दावे का सत्यापन न होने तक देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी।
 
		