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सूर्य मिशन आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को दी बधाई। - Separato Spot Witness Times
विज्ञान

सूर्य मिशन आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को दी बधाई।

देहरादून 02 सितंबर 2023,

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने शनिवार को पूर्व निर्धारित समय 11 बजकर 50 मिनट पर सूर्य मिशन आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण किया। पिछले दिनों 23 अगस्त को इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव में चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी।

इस ऐतिहासिक अवसर पर सतीश धवन अंतरिक्षन केंद्र श्रीहरिकोटा में इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ के अलावा, संगठन से जुड़े अन्य वैज्ञानिक भी मौजूद रहे। इसरो के सूर्य मिशन आदित्य-एन1 की प्रक्षेपण के दौरान बड़ी संख्या में लोग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में मौजूद रहे। कांउट डाउन होते ही सूर्य मिशन आदित्य-एल-1 का, सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपण कर दिया गया।

इसरो द्वारा जानकारी दी गई कि,आदित्य-एल1 से धरती करीब 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य के रहस्यों को खोलने की कोशिश करेगा। इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, आदित्य एल1 दरअसल 125 दिनों में करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होगा। इस कक्षा में आदित्य- एल1 सूर्य के परिमंडल की गर्मी के बारे में अध्ययन करेगा। इसके अलावा, धरती के करीब अंतरिक्ष में मौसम से जुड़ी समस्याओं को लेकर अध्ययन करेगा। आदित्य-एल1 अपने साथ सात पेलोड भी ले जा रहा है, इनमें से 4 सूर्य के प्रकाश की निरीक्षण करेंगे।

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने बताया है कि, अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भी सूर्य परिमंडल के आंकड़े जुटाए हैं। आदित्य एल1 के साथ हमारे पास सूर्य के आंकड़े भी मौजूद होंगे जिससे हमें अंतरिक्ष के मौसम और आगामी अंतरिक्ष अभियानों को समझने में बहुत मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रथम सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी है। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के प्रथम सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के क्रम में निरंतर हमारे वैज्ञानिक प्रयास चलते रहेंगे।”

 

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