Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बिहार में 3,822.31 करोड़ रुपए की लागत से साहेबगंज- अरेराज - बेतिया खंड को 4-लेन का बनाने,2,192 करोड़ रुपये लागत बख्तियारपुर- राजगीर- तिलैया एकल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को दी मंजूरी, - Separato Spot Witness Times
Uncategorized

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बिहार में 3,822.31 करोड़ रुपए की लागत से साहेबगंज- अरेराज – बेतिया खंड को 4-लेन का बनाने,2,192 करोड़ रुपये लागत बख्तियारपुर- राजगीर- तिलैया एकल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को दी मंजूरी,

ओरDelh 24 September 2025,

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज बिहार में 3,822.31 करोड़ रुपए की लागत से एनएच-139डब्ल्यू के साहेबगंज- अरेराज – बेतिया खंड को 4-लेन का बनाने के प्रस्ताव को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर मंजूरी दी। इसके अलावा बिहार में ही 2,192 करोड़ रुपये लागत बख्तियारपुर- राजगीर- तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किलोमीटर) के दोहरीकरण को स्‍वीकृति प्रदान की है।

केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैश्य ने मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए बताया कि बिहार में एनएच-139 डब्ल्यू के साहेबगंज- अरेराज- बेतिया खंड को 4-लेन का बनाने के प्रस्ताव को हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर मंजूरी दी गई है। इस परियोजना की कुल लंबाई 78.942 किलोमीटर है और इसमें कुल 3,822.31 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस प्रस्तावित चार-लेन ग्रीनफील्ड परियोजना का उद्देश्य राज्य की राजधानी पटना और बेतिया के बीच संपर्क को बेहतर बनाना है। इससे उत्तर बिहार के वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरयपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले, भारत-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों तक जुड़ जाएंगे। यह परियोजना लंबी दूरी के माल परिवहन को बढ़ावा देगी, प्रमुख बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार लाएगी और कृषि व औद्योगिक क्षेत्रों और सीमा पार व्यापार मार्गों से संपर्क में सुधार करके क्षेत्रीय आर्थिक विकास को सुगम बनाएगी।

यह 100 किमी/घंटा की डिजाइन गति के लिए बनाया गया है लेकिन वाहनों के लिए 80 किमी/घंटा की औसत गति से चलने की क्षमता रखता है। इससे साहेबगंज और बेतिया के बीच कुल यात्रा समय, मौजूदा विकल्पों की तुलना में 2.5 घंटे से घटकर 1 घंटा रह जाएगा। साथ ही यात्री और मालवाहक वाहनों के लिए सुरक्षित, तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी भी मिलेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, 78.94 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित परियोजना से लगभग 14.22 लाख मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और इस परियोजना से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैश्य ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के एक अन्य फैसले के बारे में जानकारी दी कि, बिहार में ही बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी प्रदान की, जिसकी कुल लागत लगभग 2,192 करोड़ रुपये है। यह परियोजना बिहार राज्य के चार जिलों को कवर करेगी और भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 104 किलोमीटर की वृद्धि रहेगी। यह रेल मार्ग राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा, पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्‍थलों को जोड़ता है, जो देश भर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

इस मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,434 गांवों और लगभग 13.46 लाख आबादी, जिसमें गया और नवादा दो जिलें शामिल हैं, की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। सथ ही, क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन साधन होने के नाते देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और रसद लागत को कम करने में मदद करेगा, साथ ही 5 करोड़ लीटर तेल आयात को घटाएगा और 24 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा, जो एक करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, मल्टी-ट्रैकिंग का यह प्रस्ताव परिचालन को सुगम बनाएगा और भीड़ को कम करेगा। जिससे भारतीय रेलवे की सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘नए भारत’ के विज़न के अनुरूप हैं, जो इस क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के माध्यम से “आत्मनिर्भर” बनाएंगी, जिससे उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाने पर केन्‍द्रीत है। ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।

 

Related posts

SEBI officials have complained to the Finance Ministry against Sebi chief Madhavi Puri Buch using “harsh and unprofessional language” with her team members.

Dharmpal Singh Rawat

स्व. इंद्रमणि बडोनी जी को उनकी पुण्यतिथि पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री , उत्तराखंड आंदोलनकारी एवं अन्य सामाजिक संगठनों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

Dharmpal Singh Rawat

Nita Ambani Wins Humanitarian Award

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment