Delhi, 05 August 2025,
दिल्ली की की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन और अन्य आरोपियों को 2018 में लोक निर्माण विभाग में हुई भर्ती प्रक्रिया में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुकदमे को बंद कर क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई। उसने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी। अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर केस बंद कर दिया है।
अदालत के इस इस फैसले के बाद सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई पर सवाल उठाते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि छह-साढ़े छह साल तक चली जांच में मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला। लेकिन इस दौरान मुझे जो मानसिक और सामाजिक तकलीफें हुईं, उसकी भरपाई कौन करेगा?
सीबीआई ने 20 मई 2019 को लोक निर्माण विभाग में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुकदमे में तत्कालीन मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पर छापेमारी की थी। उस समय मीडिया में इसे बड़ी खबर के रूप में चलाया गया था। सत्येंद्र जैन ने बताया कि उनकी पत्नी और बच्चों के बैग, किताबों और कपड़ों तक की जांच की गई, लेकिन किसी तरह का कोई आपराधिक या भ्रष्टाचार का सबूत नहीं मिला। उन्होंने सीबीआई की इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताया। और कहा कि विपक्षी दलों पर फर्जी केस लगाए जाते हैं और जांच एजेंसियां उनके मुताबिक काम करती हैं। सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह पहला केस नहीं था जो उनके खिलाफ बंद हुआ है। उनकी बेटी पर भी एक झूठा मामला बनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि उसे 1 लाख 15 हजार रुपए मासिक वेतन वाली नौकरी दी गई है, जबकि सच यह था कि उन्हें ऐसी कोई नौकरी नहीं मिली थी।
न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी देते हुए कहा कि छह साल की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि किसी प्रकार का भ्रष्टाचार या सरकार को नुकसान पहुंचाया गया। न्यायाधीश ने कहा कि मामले में आगे कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की जा सकती है।