November 8, 2025

किसानों का परिश्रम और त्याग ही हमारी सच्ची पूंजी और ताकत – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्य के रजत जयंती उत्सव के अवसर पर पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वृहद कृषक सम्मेलन का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में कृषि, उद्यान, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता के प्रगतिशील कृषक व लखपति दीदीयों को मुख्यमंत्री द्वारा प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र भेटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आये सभी किसानों को उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती पर्व की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि किसान भाईयों का परिश्रम और त्याग ही हमारी सच्ची पूंजी है और उनका पसीना हमारी ताकत है। उन्होंने उत्तराखंड निर्माण के सपने को साकार करने में अपना योगदान देने वाले और बीते 25 वर्षों में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में अपना अतुलनीय योगदान देने वाले किसानो को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल कृषि संबंधी योजनाओं की चर्चा हेतु एक आम कार्यकम नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के हमारे सभी किसान भाईयों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश के संतुलित विकास के लिए यह आवश्यक है कि हमारे किसान भाइयों की परेशानियां कम हों, वे सशक्त बनें। किसानों के सशक्तिकरण के बिना राष्ट्र का सशक्तिकरण अधूरा है। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का विकसित भारत के निर्माण का सपना भी तभी साकार हो सकता है, जब हमारा किसान विकसित हो। हम सभी जानते हैं कि भारत आदि काल से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है।

*कृषि मानव जीवन का आधार है*

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी के इर्द-गिर्द ही हमारा समाज विकसित हुआ, हमारी परम्पराएं पोषित हुईं और हमारे पर्व व त्योहार निर्धारित हुए। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में भी लिखा है कि कृषि संपत्ति और मेधा प्रदान करती है और कृषि ही मानव जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि उनके लिए तो खेती करना देव उपासना जैसा है, क्योंकि उनके पिता एक जवान भी थे और एक किसान भी। खेती द्वारा, लोगों का पेट भरने से जो संतुष्टि प्राप्त होती है, उसकी व्याख्या नहीं की जा सकती। यही कारण है कि वे आज भी खेती से जुड़े हैं और जब भी उन्हें समय मिलता है तो अपने गांव में खेती करने भी जाते हैं। उन्होंने कहा कि खेती से उन्हें आत्मिक शांति तो मिलती ही है साथ ही अपनी जमीन से भी जोड़े रखती है। माटी से ये जुड़ाव उन्हें सदैव उनके अस्तित्व, वांछित कर्म और कर्तव्य का बोध कराता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों का अभूतपूर्व सशक्तिकरण हुआ है। केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने के लिए बीज से बाजार तक की पूरी प्रक्रिया को सुगम बनाया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 11 करोड़ किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिनमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख अन्नदाता शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का कल्याण सरकार का संकल्प है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सुरक्षा कवच और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के माध्यम से उपज की गुणवत्ता में सुधार किया गया है। राज्य सरकार किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण और फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त किया गया है।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने 200 करोड़ रुपये की पॉलीहाउस योजना चलाई है, जिसके तहत अब तक 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। गन्ने के मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जबकि उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट के तहत वर्षा आधारित खेती को 1000 करोड़ रुपये की लागत से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

राज्य में सेब, कीवी, मिलेट और ड्रैगन फ्रूट नीति जैसी योजनाओं पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिनके तहत किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। बागवानी मिशन योजना के तहत 50–55 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।

सरकार के प्रयासों से फलों की उत्पादकता 1.82 से बढ़कर 4.52 मैट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। मशरूम उत्पादन 500 मैट्रिक टन से बढ़कर 27,390 मैट्रिक टन और शहद उत्पादन 3,320 मैट्रिक टन तक पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जापान सहयोगित एकीकृत औद्यानिक विकास परियोजना के तहत 526 करोड़ रुपये की बाह्य सहायतित परियोजना राज्य के चार जिलों में लागू है। सगंध पौधों की खेती से 28,000 से अधिक किसान जुड़े हैं, जबकि चाय उत्पादन अब 1,585 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार पा चुका है। टी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चम्पावत, नैनीताल और बागेश्वर जिलों के चाय बागानों को पर्यटन से जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि राज्य का किसान आधुनिक, समृद्ध और आत्मविश्वासी बन सके।

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