दिल्ली , वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में बनाई गई संसद की संयुक्त संसदीय समिति की आज 24 जनवरी को बैठक हुई। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच जमकर तकरार हुई।
वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को सबसे पहले वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया। मीरवाइज के बोलने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में हंगामा हो गया। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि मसौदा विधेयक में प्रस्तावित बदलावों के अध्ययन के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी और कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन बैठक से बाहर निकल आए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समिति की कार्यवाही ‘तमाशा’ बन गई है। उन्होंने मांग की कि प्रस्तावित संशोधनों पर खंडवार विचार करने के लिए 27 जनवरी को होने वाली बैठक को 30 जनवरी या 31 जनवरी तक के लिए टाल दिया जाए।
वक्फ संशोधन विधेयक पर संसदीय समिति के सभी विपक्षी सदस्यों को अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ नारेबाजी और लगातार विरोध प्रदर्शन के आरोपों के बीच शुक्रवार को 1 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। 10 विपक्षी सस्पेंड सदस्यों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, सैयद नासिर हुसैन, मोहिबुल्ला, मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीम उल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।
भाजपा के सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे समिति ने स्वीकार कर लिया। भाजपा सदस्य अपराजिता सारंगी ने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों का आचरण ‘शर्मनाक’ था क्योंकि वे बैठक के दौरान लगातार हंगामा कर रहे थे और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जानकारी दी कि अगली बैठक 27 जनवरी को होगी और 29 जनवरी को लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।