दिल्ली, 08 जुलाई 2024,
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) नीट-यूजी पेपर लीक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। नीट मामले को लेकर 50 से ज्यादा याचिकाए दाखिल की गई हैं। अधिकांश याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा को निरस्त कर फिर से कराने का अनुरोध किया है। वहीं सरकार ने परीक्षा निरस्त कराने का विरोध करते हुए, कहा कि अगर परीक्षा रद्द की गई तो उन लाखों छात्रों का नुकसान होगा जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई, गुरुवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि आप कह रहे हैं कि परीक्षा दोबारा कराएं, ऐसे में बताएं की आपके पास सबूत हैं कि कितने बच्चों ने पेपर लीक का फायदा उठाया? इस पर उनके वकील की तरफ से कहा गया कि लाभार्थियों को ट्रैक करना पूरी तरह से संभव नहीं हैं। बिहार और गुजरात पुलिस के ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिन्हें देखकर लगेगा की परीक्षा रद्द की जानी चाहिए।
चीफ जस्टिस ने टिप्पणी “इस बात में कोई संदेह नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है। हम मानते हैं कि इसमें कोई लीक है, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन हम लीक की प्रकृति का पता लगा रहे हैं। प्रश्नपत्रों के लीक होने के तथ्य पर विवाद नहीं किया जा सकता। अब, उस लीक का परिणाम क्या होगा, यह उस लीक की प्रकृति पर निर्भर करेगा। अगर यह व्यापक नहीं है, तो इसे रद्द नहीं किया जा सकता। पुनः परीक्षा का आदेश देने से पहले, हमें सावधान रहना चाहिए। उस लीक की प्रकृति क्या है? हमे 23 लाख छात्रों के करियर का ध्यान रखना है। लीक किस समय हुई? लीक कैसे फैलाई गई? ये महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। और अगला, बहुत महत्वपूर्ण – भारत सरकार और एनटीए ने गलत कामों की पहचान करने के लिए क्या कार्रवाई की है और गलत कामों के लाभार्थी कौन हैं।
पीठ ने स्पष्ट किया यदि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन व्यापक है और यदि दागी और बेदाग उम्मीदवारों को अलग करना संभव नहीं है, तो फिर से परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। लेकिन अगर लाभार्थियों की पहचान कर ली गई है और उनकी संख्या सीमित है, तो फिर से परीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी। इसका पता लगाने के लिए, परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से विवरण मांगे गए थे। लीक पहली बार कब हुआ? – लीक हुए प्रश्नपत्रों को किस तरह से प्रसारित किया गया? – लीक होने और 5 मई को परीक्षा के बीच का समय अंतराल।
कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि , “हमारा यह भी मानना है कि सीबीआई आज तक की जांच की स्थिति और आज तक सामने आई सामग्री पर इस न्यायालय के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी।” वहीं केंद्र सरकार और एनटीए को कोर्ट को सूचित करना चाहिए कि क्या सरकार की साइबर फोरेंसिक इकाई के लिए संदिग्ध मामलों की पहचान करने, दागी छात्रों को बेदाग छात्रों से अलग करने के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करना व्यवहार्य होगा। ये सभी विवरण 10 जुलाई को शाम 5 बजे तक प्रस्तुत किए जाने हैं।
The Supreme Court directed the CBI to file the status report of the investigation till date in the NEET-UG case before the court.