दिल्ली , सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो का बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की नृशंस हत्या मामले में दो दोषियों राधेश्याम भगवानदास और राजूभाई बाबूलाल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोषियों ने 8 जनवरी को गुजरात सरकार के फैसले को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने राधेश्याम भगवानदास और राजूभाई बाबूलाल की याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए उसे खारिज कर दिया।
दोषियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस संजीव खन्ना और पीवी संजय कुमार की बेंच ने कहा कि, अपराधियों को ऐसा कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच के आदेश पर अपील कैसे की जा सकती है? कोर्ट ने पूछा कि ये क्या अनुरोध है? इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है? ये बिल्कुल गलत है। हम अनुच्छेद 32 के तहत अपील पर कैसे विचार कर सकते हैं?
कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद , दोषी राधे श्याम भगवान दास शाह और राजूभाई बाबूलाल सोनी की ओर से पेश वकील ऋषि मल्होत्रा ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसके बाद अदालत ने अनुमति दे दी। इन दोषियों ने अंतरिम जमानत के लिए भी अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने मांग की थी कि जब तक उनकी सजा माफ करने पर कोई नया फैसला नहीं हो जाता तब तक उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए।
इन दोनों दोषियों ने उसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए तर्क दिया था कि न्यायाधीशों की दो पीठों ने गुजरात सरकार के फैसले पर अलग-अलग रुख अपनाया था। उन्होंने मांग की कि इस मामले को अंतिम फैसले के लिए बड़ी पीठ के पास भेजा जाए। अपराधियों की ओर से पेश वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि अब इस मामले में कोर्ट के दो फैसले हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन सा फैसला सही होगा। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि दूसरे फैसले को सही माना जाना चाहिए।
8 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंग रेप मामले में सभी दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा दी गई माफी रद्द कर दी थी। अपने 8 जनवरी के फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला था कि बिलकिस बानो मामले में 11 बलात्कार दोषियों पर लागू छूट नीति महाराष्ट्र (जहां बलात्कार मामले की सुनवाई हुई थी) की नीति थी, न कि गुजरात सरकार की। इसलिए गुजरात सरकार उस हिसाब से फैसला नहीं कर सकता।
The Supreme Court rejected the interim bail plea of the convicts in the Bilkis Bano case during the Godhra riots in Gujarat.