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थराली को डरा रही मोटी दरारें, अस्पताल, भवन भी नहीं सुरक्षित, लापता बुजुर्ग की तलाश जारी - Separato Spot Witness Times
राज्य समाचार

थराली को डरा रही मोटी दरारें, अस्पताल, भवन भी नहीं सुरक्षित, लापता बुजुर्ग की तलाश जारी

22 अगस्त की रात भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से थराली कस्बा आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हो गया है। यहां की सड़कों और पहाड़ियों पर बड़ी-बड़ी दरारें दिख रही हैं जिससे लोगों में डर का माहौल है। अब प्रशासन ने इन दरारों का पता लगाने और खतरे का आकलन करने के लिए एक तकनीकी सर्वेक्षण कराने की बात कही है।

भूस्खलन से कोटडीप, लोअर बाजार, राड़ीबगड़ और चेपड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। पहाड़ियों से आए मलबे ने कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है जबकि राड़ीबगड़ और कोटडीप की पहाड़ियों पर दरारें आ गई हैं और चट्टानें अटकी हुई हैं। थराली का पूरा अस्पताल, तहसील कार्यालय और एसडीएम आवास भी आपदा से प्रभावित हैं। जल संस्थान और सिंचाई विभाग के कार्यालयों में मलबा भर गया है। अपर बाजार और आस-पास के गांवों में भी दरारें देखी गई हैं जबकि चेपड़ों बाजार मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है

 

प्रशासन अब सिंचाई विभाग, भूवैज्ञानिकों, पीएमजीएसवाई और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम के साथ तकनीकी सर्वेक्षण कराने पर विचार कर रहा है ताकि वास्तविक स्थिति का सही आकलन कर आगे की कार्रवाई की जा सके।

राहत और बचाव कार्य जारी, लापता बुजुर्ग की तलाश

थराली में आपदा के बाद चौथे दिन भी प्रशासन का राहत और बचाव कार्य जारी रहा। चेपड़ों, थराली और राड़ीबगड़ में जेसीबी मशीनों से सड़कों और आवासीय परिसरों से मलबा हटाया जा रहा है। चेपड़ों आपदा में लापता बुजुर्ग गंगा दत्त का अभी तक पता नहीं चल पाया है, जिनकी तलाश के लिए सर्च अभियान जारी है।

आरएसएस और एसजीआरआर मिशन ने बांटी राहत सामग्री
थराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद विभिन्न संगठन प्रभावित परिवारों की मदद के लिए लगातार आगे आ रहे हैं। मंगलवार को भी कई संगठनों ने राहत सामग्री वितरित की।अर्णिमा सोसाइटी से जुड़े युवाओं ने थराली, चेपड़ों और कुलसारी में 343 आपदा ग्रस्त परिवारों को राहत किट, डेंटल किट और महिला किट बांटे। सोसाइटी के उमंग अग्रवाल, सलोनी, नितिश रावत और सुनीता टम्टा ने बताया कि इन किटों में ब्रश, कोलगेट, साबुन, तेल, बैंडेज और सैनिटरी पैड जैसे आवश्यक सामान शामिल थे। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने थराली, राड़ीबगड़ और चेपड़ों में 120 परिवारों को राशन किट वितरित किए। संघ के जिला कार्यवाह विष्णुदत्त भट्ट ने बताया कि इन किटों में कंबल और बर्तन जैसी सामग्री दी गई। इस अवसर पर चिंतामणि सेमवाल, भीम सिंह, राजेंद्र भंडारी, पीयूष और मुरलीधर चंदोला मौजूद रहे। इसके अलावा एसजीआरआर मिशन द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री को विधायक भूपाल राम टम्टा और कर्णप्रयाग के प्रधानाचार्य बीबी डोभाल ने संयुक्त रूप से प्रभावितों को वितरित किया।

अधिकारियों ने किया भूस्खलन क्षेत्रों का निरीक्षण

कर्णप्रयाग में जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने मंगलवार को थराली क्षेत्र में आपदा से प्रभावित भूस्खलन स्थलों का जायजा लिया। उन्होंने क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण किया और तहसील अधिकारियों को नुकसान का विस्तृत आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को पानी और बिजली की समस्या से अवगत कराया। इस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के जेई के साथ समन्वय कर तत्काल जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पहाड़ी पर लटके बड़े-बड़े पत्थरों का भी जायजा लिया और नीचे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों या राहत केंद्रों में जाने की अपील की। साथ ही, बारिश की स्थिति में यातायात रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर एडीएम विवेक प्रकाश, परियोजना निदेशक आनंद सिंह भाकुनी और सीएमओ अभिषेक गुप्ता सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

मालगाड़ गांव में भू-कटाव से 10 परिवार खतरे में

देवाल में पूर्णा ग्राम पंचायत के मालगाड़ गांव के नीचे लगातार हो रहे भू-कटाव से 10 आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं। पूर्णा के पूर्व प्रधान मनोज राम ने बताया कि देवाल पार्किंग के सामने लगातार भू-कटाव बढ़ रहा है जिससे गांव के मकानों को खतरा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने की मांग की है।

 

ज्यूड़ा गांव में बिजली बहाल, पेयजल की समस्या

नारायणबगड़ के आपदाग्रस्त ज्यूड़ा गांव में ऊर्जा निगम ने क्षतिग्रस्त लाइनों की अस्थाई मरम्मत कर बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी है। ऊर्जा निगम के एसडीओ अतुल कुमार ने यह जानकारी दी। हालांकि, ग्रामीणों के अनुसार, गांव की पेयजल लाइन अभी तक ठीक नहीं हुई है, जिससे पानी की समस्या बनी हुई है। गांव के बलवंत सिंह रौंतेला ने बताया कि जल संस्थान को सूचना दिए जाने के बाद भी मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ है।

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