हिन्दू धर्म में सावन के महीने का एक बहुत ही खास महत्व है। इस साल 2023 को चार जुलाई यानी मंगलवार से सावन का पवन महीना शुरू हो रहा है। और इस बार के सोमवार में खास बात यह है कि इस बार 59 दिनों का सावन के महीना का संयोग बन रहा है। मासों में उत्तम पुरुषोत्तम मास की शुरुआत सावन के मध्य होने जा रही है। इस बार श्रावण मास 59 दिनों का होगा।
खास बात यह है कि इस वर्ष श्रावण मास में आठ सोमवार होंगे। पंडितों के अनुसार भगवान शिव को श्रावण मास अति प्रिय है। श्रावण मास के पहले दिन मंगला गौरी व्रत, त्रिपुष्कर योग और शिव मास का शुभ संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए कल्याणकारी होगा।
पहले दिन दोपहर 11 बजकर 49 मिनट तक इन्द्र योग रहेगा, उसके बाद वैधृति योग लग जाएगा।इंद्र योग की बात करें तो इस योग के दौरान राज्य पक्ष के कार्यों में अथवा सरकारी कामों में सफलता जरूर मिलती है। वहीं अगर वैधृति योग की बात करें तो यह स्थिर कार्यों के लिए ठीक है परंतु यदि कोई भागदौड़ वाला कार्य अथवा यात्रा करनी हो तो इस योग में नहीं करनी चाहिए।
यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय होता है. इस बार सावन का महीना बेहद खास रहने वाला है. सावन के महीने को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है. यह महीना भगवानशिव के भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है क्योंकि पूरे भारत में सावन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
सावन के महीने की मान्यता
इस महीने में हर सोमवार के दिन शंकर भगवान की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है. एक पौराणिक मान्यता है कि सावन मास के व्रत करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. सावन के महीने में किया गया दान पुण्य और पूजन समस्त ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के सामान फल देने वाला माना जाता है.
सावन सोमवार व्रत कुल वृद्धि, लक्ष्मी प्राप्ति और सुख सम्मान देने वाले होते हैं. इन दिनों में भगवान शिव की पूजा बेलपत्र से की जाती है, कहा जाता है कि बेलपत्र से पूजा करने से शिव जी भक्त की कामना जल्दी सुन लेते हैं.
सुहागिन महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं. जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की मनोकामना से सोमवार का व्रत करती हैं. वहीं अन्य लोग अपने घर में सुख-शांति के लिए सोमवार का व्रत करते हैं.