November 6, 2025

विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना ही होगा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन,

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गा। और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा दायित्व हमारे एमएसएमईज, यानी हमारे लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों पर भी है। जो देश के लोगों की जरूरत का है, जो हम देश में ही बना सकते हैं, वो हमें देश में ही बनाना चाहिए। जीएसटी की दरें कम होने से, नियम और प्रक्रियाएं और आसान बनने से, हमारे एमएसएमईज हमारे लघु उद्योगों को, कुटीर उद्योगों को बहुत फायदा होगा। उनकी बिक्री बढेगी और टैक्स भी कम देना पड़ेगा, यानी उनको भी डबल फायदा होगा। इसलिए आज मेरी, लघु उद्योग हो, सुक्ष्म उद्योग हो, कुटीर उद्योग हो, आप सबसे बहुत अपेक्षाएं हैं। आपको भी पता है, जब भारत समृद्धि के शिखर पर था, तब भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हमारे एमएसएमईज थे, हमारे लघु और कुटीर उद्योग थे। भारत की मैन्यूफैक्चरिंग, भारत में बने सामानों की क्वालिटी बेहतर होती थी। हमें उस गौरव को वापस पाना है। हमारे लघु उद्योग जो बनाएं, वो दुनिया में हर कसौटी पर बेस्ट हो, उत्तम से उत्तम हो। हम जो मैन्यूफैक्चर करें, वो दुनिया में आन-बान-शान के साथ बेस्ट के सारे पैरामीटर को पार करने वाला हो। हमारे प्रॉडक्ट्स की क्वालिटी, दुनिया में भारत की पहचान बढ़ाएं, भारत का गौरव बढ़ाएं, हमें इस लक्ष्य को लेकर काम करना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा , देश की स्वतंत्रता को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। आज जाने-अनजाने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत सी विदेशी चीजें जुड़ गई हैं, हमें पता तक नहीं है। हमारे जेब में कंघी विदेशी है कि देसी है, पता ही नहीं है। हमें इनसे भी मुक्ति पानी होगी। हम वो सामान खरीदें, जो मेड इन इंडिया हो, जिसमें हमारे देश के नौजवानों की मेहनत लगी हो, हमारे देश के बेटे बेटियों का पसीना हो। हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है। हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। गर्व से कहो ये स्वदेशी है, गर्व से कहो, मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी सामान की बिक्री भी करता हूं, ये हर भारतीय का मिजाज़ बनना चाहिए। जब ये होगा, तो भारत तेज़ी से विकसित होगा। मेरा आज सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह है, आत्मनिर्भर भारत के इस अभियान के साथ, स्वदेशी के इस अभियान के साथ, अपने राज्यों में मैन्यूफैक्चरिंग को गति दें, पूरी ऊर्जा से, पूरे उत्साह से जुड़ें। निवेश के लिए माहौल बढ़ाएं, जब केंद्र और राज्य मिलकर आगे बढ़ेंगे तो आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा, भारत का हर राज्य विकसित होगा, भारत विकसित होगा।

 

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