दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली में कई प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2025 भारत के विकास के लिए अपार अवसरों का वर्ष होगा, जो देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, भारत राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के वैश्विक प्रतीक के रूप में खड़ा है।” उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में देश की छवि और मजबूत होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत के लिए दुनिया का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बनने, युवाओं को स्टार्ट-अप और उद्यमिता के लिए सशक्त बनाने, नए कृषि रिकॉर्ड स्थापित करने, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने और जीवन की सुगमता पर ध्यान केंद्रित कर प्रत्येक नागरिक के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का वर्ष है।
‘सभी के लिए आवास’ की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी-झोपड़ी (जेजे) क्लस्टरों के निवासियों के लिए नवनिर्मित फ्लैटों का दौरा किया। यहां उन्होंने अशोक विहार में झुग्गी बस्तियों के निवासियों के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया और पात्र लाभार्थियों को स्वाभिमान अपार्टमेंट की चाबियाँ भी सौंपीं। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में झुग्गी बस्तियों के निवासियों को उचित सुख-सुविधाओं से सुसज्जित बेहतर और स्वस्थ रहने का माहौल प्रदान करना है। सरकार द्वारा फ्लैट के निर्माण पर खर्च किए गए प्रत्येक 25 लाख रुपये के लिए, पात्र लाभार्थी कुल राशि का 7 प्रतिशत से भी कम भुगतान करते हैं, जिसमें 1.42 लाख रुपये का नाममात्र योगदान और पांच साल के रखरखाव के लिए 30 हजार रुपये शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं – नौरोजी नगर में विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-II क्वार्टर का भी उद्घाटन किया। नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 6 सौ से ज़्यादा जीर्ण-शीर्ण क्वार्टरों को अत्याधुनिक वाणिज्यिक टावरों से बदलकर इस क्षेत्र को बदल दिया है, जो उन्नत सुविधाओं के साथ लगभग 34 लाख वर्ग फ़ीट प्रीमियम वाणिज्यिक स्थान प्रदान करता है। इस परियोजना में हरित भवन विधियों को शामिल किया गया है, जिसमें शून्य-निर्वहन अवधारणा, सौर ऊर्जा उत्पादन और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे प्रावधान शामिल हैं।
सरोजिनी नगर में जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं, जो आधुनिक सुविधाएँ और स्थान का कुशल उपयोग प्रदान करती हैं। परियोजना के डिजाइन में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज और जल उपचार संयंत्र, और सौर ऊर्जा से चलने वाले अपशिष्ट कॉम्पैक्टर शामिल हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन को प्रोत्साहित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया, जिसका निर्माण करीब 3 सौ करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसमें कार्यालय, सभागार, उन्नत डेटा सेंटर, व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली आदि शामिल हैं। पर्यावरण अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है।
श्री मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में 6 सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसमें पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर और द्वारका में पश्चिमी परिसर शामिल हैं। इसमें नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज का भवन भी शामिल है, जिसमें शिक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।