October 31, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने टीवी साक्षी  चैनल के एंकर के. श्रीनिवास राव को किया जमानत पर रिहा

Delhi , 13 Jun 2025,

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टीवी डिबेट के दौरान आंध्रप्रदेश की राजधानी अमरावती की महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार टीवी साक्षी टीवी चैनल के एंकर के. श्रीनिवास राव को जमानत पर रिहा कर दिया। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने यह अहम फैसला दिया है। पुलिस ने श्रीनिवास राव को 9 जून को हैदराबाद के जर्नलिस्ट कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार किया था। इसके बाद श्रीनिवास राव को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

यह मामला कुछ दिनों पहले साक्षी टीवी पर प्रसारित एक बहस से उपजा है , जिसके दौरान पत्रकार कृष्णम राजू ने अमरावती को “देवताओं की राजधानी” के बजाय “सेक्स वर्करों की राजधानी” बताया, जैसा कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था। श्रीनिवास राव ने राजू की टिप्पणियों का समर्थन करते हुए उन्हें संभावित प्रतिक्रिया के बारे में आगाह किया, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि वह इसमें सह-अपराधी है क्योंकि उसने टिप्पणियों की निंदा नहीं की। निचली अदालतों में मामला खारिज होने के बाद राव के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जब पुलिस से एंकर की गिरफ्तारी का कारण पूछा तो राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि एंकर श्रीनिवास राव पैनलिस्ट द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद भी हंसते रहे। इस दौरान उन्होंने पैनलिस्ट को रोकने की कोशिश नहीं की। कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि तो क्या आप एंकर को अरेस्ट कर लेंगे। कोर्ट ने कहा कि, किसी और के दिए बयान के आधार पर आप एंकर को कैसे अरेस्ट कर सकते हैं? पीठ ने आंध्र प्रदेश राज्य से पूछा, “जब बयान किसी और ने दिया है तो उसके खिलाफ मामला कैसे हो सकता है?”

आंध्र प्रदेश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “वह उस व्यक्ति को उकसा रहा था और उसे उकसा रहा था जो यह बयान दे रहा था। वह हंस रहा था।, न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, “जब कोई अपमानजनक बयान देता है, तो हम उस पर हंसते हैं। उन्हें मिश्रा ने यह भी कहा, ‘‘ऐसा हर दिन हो रहा है।’’

श्रीनिवास राव जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा: “यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता ने खुद ऐसा कोई बयान नहीं दिया है और लाइव टीवी शो में उनकी पत्रकारीय भागीदारी को संरक्षित किया जाना चाहिए ताकि इस प्रक्रिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी रक्षा हो सके।

 

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