Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
विकासनगर: अध्यक्ष पद को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित, BJP विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने जताई आपत्ति - Separato Spot Witness Times
राजनीतिक राज्य समाचार

विकासनगर: अध्यक्ष पद को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित, BJP विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने जताई आपत्ति

 

उत्तराखंड में निकाय चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. जिसके तहत ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने आरक्षण की नियमावली तय कर दी है. जिसे लेकर शहरी विकास विभाग ने अधिसूचना जारी कर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर आरक्षण की स्थिति को लगभग साफ कर दिया है. हालांकि, अंतिम सूची जारी होने से पहले एक हफ्ते का समय आपत्ति के लिए तय किया गया है, लेकिन आरक्षण पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. जिसमें विकासनगर विधायक मुन्ना चौहान की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.

दरअसल, विकासनगर नगर पालिका के अध्यक्ष पद को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है. जिसे लेकर विकासनगर से बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर कर आपत्ति जताई है. विधायक मुन्ना चौहान का कहना है कि जनसंख्या के लिहाज से विकासनगर नगर पालिका अध्यक्ष पद एसटी के लिए आरक्षित किया गया है, जिस पर वो आपत्ति जताते हैं. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में हरबर्टपुर और विकासनगर लोकल बॉडीज है. नगर पालिका परिषद विकासनगर में अध्यक्ष के आरक्षण की जो अनंतिम सूची प्रकाशित हुई है, उसमें विकासनगर को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित किया गया है. जिसे लेकर वो सहमत नहीं है.

विकासनगर नगर पालिका को आरक्षित करने पर आपत्ति: विधायक मुन्ना चौहान का कहना है कि उत्तराखंड में खटीमा, धारचूला, नानकमत्ता, मुनस्यारी और विकासनगर में जनजातियों की आबादी है, लेकिन इसमें खटीमा, धारचूला, विकासनगर में नगर पालिका परिषद हैं. जबकि, नानकमत्ता और मुनस्यारी नगर पंचायतें है. तीनों नगर पालिकाओं में से खटीमा, धारचूला और विकासनगर में से विकासनगर में जनजातियों की आबादी सबसे कम है. ऐसे में पहले ज्यादा आबादी वाले पालिका आरक्षित होंगे, लेकिन खटीमा और धारचूला को अनारक्षित दर्शाया गया है. जबकि, विकासनगर को आरक्षित कर दिया गया है.

विधायक मुन्ना चौहान में बताया चूक, हाईकोर्ट जाने की कही बात: उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चूक है. अधिसूचना के अंतिम प्रकाशन को लेकर आपत्ति दर्ज करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है. ऐसे में वो नियत प्राधिकारी निदेशक नगर विकास के पास अपनी आपत्ति दाखिल करेंगे. जिसमें विकासनगर को अनारक्षित करने की मांग की जाएगी. यदि वहां पर उनकी आपत्ति स्वीकार या मान्य नहीं किया जाता है तो वो हाईकोर्ट जाने पर भी विचार करेंगे.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Related posts

सास से पीड़ित बहु ने गंगा में कूदकर दी जान, परिजनों का आरोप आत्महत्या के लिए ससुराल पक्ष ने किया विवश, महिला आयोग ने लिया संज्ञान

पत्नी की हत्या के आरोपी पति को पुलिस ने नई दिल्ली से किया गिरफ्तार, तमंचे से फायर कर दी थी मौत

Dharmpal Singh Rawat

इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया के घर से ईडी ने बरामद किए 268 बिटकॉइन

Leave a Comment