दिल्ली , लोकसभा में देर रात 3 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पारित हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में ध्वनिमत कराया। विधेयक के पक्ष में 288 वोट, विधेयक के खिलाफ 232 वोट पड़े। अब राज्यसभा में इस बिल को आज ही पेश किया जाएगा।
लोकसभा में बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया गया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संशोधनों के साथ विधेयक का प्रस्ताव पेश किया।
चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने विधेयक को समर्थन देने का ऐलान किया है। इधर मुस्लिम नेताओं ने इस विधेयक का विरोध किया।
वक्फ (संशोधन) विधेयक के सबसे महत्वपूर्ण प्रावधानों में किसी भी सरकारी संपत्ति को चाहे वह विधेयक के अधिनियमन से पहले या बाद में वक्फ भूमि के रूप में पहचानी या घोषित की गई हो – वक्फ संपत्ति मानने से रोकता है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया। जहां सत्ता पक्ष के सांसदों ने विधेयक का समर्थन किया, वहीं समूचे विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अमित शाह ने कहा कि विधेयक संयुक्त संसदीय समिति को गया था। विपक्ष की भी यही मांग थी। कमिटी के सुझाव कैबिनेट के पास गए. भारत सरकार ने इसे स्वीकार किया। संशोधन के रूप में किरेन रिजिजू लेकर आए हैं। कैबिनेट के अनुमोदन के बिना कोई भी संसोधन बिल में शामिल नहीं किए गए हैं। कमिटी ने कोई बदलाव ही नहीं करने थे, तो यह कांग्रेस के जमाने की कमिटी नहीं है। अगर कमिटी ने कोई विचार ही नहीं करने हैं, तो फिर कमिटी किस बात की है। अमित शाह ने कहा कि वक्फ जो कि मुस्लिम भाईयों की धार्मिक चीज है, उसमें दखल देने का इरादा सरकार का नहीं है। मुतवल्ली, वाकिफ सब मुसलमान ही होंगे। लेकिन वक्फ की संपत्ति, इसका रखरखाव ठीक से हो रहा है या नहीं, ये देखना इस बिल का काम होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा कि यह सरकार वक्फ के धार्मिक मामलों में कोई दखल नहीं देना चाहती। उन्होंने साफ किया कि वक्फ बोर्ड की लाखों करोड़ों की संपत्तियों और उनकी 126 करोड़ रुपये की वार्षिक आय को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में कहा, वक्फ परिषद में अधिकतम चार गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, जिनमें अनिवार्य रूप से दो महिला सदस्य शामिल हैं। वर्तमान में, वक्फ बोर्ड में कोई महिला नहीं है।
किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, 2012-2013 में किए गए काम के बारे में मैं बताना चाहता हूं कि चुनाव नजदीक थे और आचार संहिता लागू होने वाली थी। चुनाव अप्रैल-मई 2014 में हुए। 5 मार्च 2014 को यूपीए सरकार ने आवास और शहरी विकास मंत्रालय के तहत 123 प्रमुख संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया। इसकी क्या जरूरत थी? चुनाव से पहले बस कुछ ही दिन बचे थे। क्या आप इंतजार नहीं कर सकते थे? आपको लगा कि इससे आपको चुनाव जीतने में मदद मिलेगी, लेकिन आप चुनाव हार गए, तो फिर क्या फायदा हुआ? इस तरह के कामों से वोट नहीं मिलते। किरन रिजिजू ने कहा कि वक्फ में तत्कालीन संप्रग सरकार ने ऐसे बदलाव किए कि मौजूदा संसद तक पर वक्फ ने दावा किया था। अगर मोदी सरकार न आती तो बहुत संभव है कि डिनोटिफाई की गई बाकी संपत्तियों की तरह संसद की यह भूमि भी होती।
इस पर संसद मे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के बीच तीखी नोंकझोंक हुई । गौरव गोगोई जब अपनी बात रख रहे थे तो उन्होंने किरेन रिजिजू पर सदन को मिसलीड करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आपने जो आरोप लगाया है कि मैंने मिसलीड किया है तो आप ये बताइए कि मैंने कौन सा पॉइन्ट मिसलीड किया है। आपको तर्क बताना होगा कि कहां मैंने मिसलीड किया है। पलटवार करते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि मंत्री ने जो 2013 के कांग्रेस गवर्नमेंट के बारे में कहा वो पूरा का पूरा मिसलीड है झूठ है। इन्होंने बार-बार मिसलीड किया है। इसलिए हम भी अपनी बात रखेंगे कृपया आप भी सुनने की ताकत रखिए।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने तर्क दिया कि सांसदों को संशोधनों को स्थानांतरित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया।
वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किए जाने पर कांग्रेस सांसद डॉ. मल्लू रवि ने कहा, “यह विधेयक मुसलमानों के हितों के खिलाफ है। यह विधेयक केवल केंद्रीय सरकार और कलेक्टर की शक्ति को केंद्रीकृत करने के लिए है लाया जा रहा है। हम इस विधेयक का पूर्णतः विरोध करते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर हमला है। आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है। कांग्रेस पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है क्योंकि यह भारत के मूल विचार पर हमला करता है और अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
सदन में चर्चा के दौरान सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं को मेंबर बना दिया है, बिहार में चुनाव है तो मैं भी देखूंगा कि बीजेपी वहां कितनी महिलाओं को टिकट देगी। मुसलमानों की बातें नहीं सुनी जा रही। ये देश तो मिली-जुली संस्कृति से ही चला है।वक्फ बिल आखिरकार उम्मीद कैसे है, हमें तो ये ही समझ नहीं आ रहा है।
आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने सरकार पर बिना पर्याप्त चर्चा के कानून को जबरदस्ती पारित करने का आरोप लगाते हुए, विधेयक की शुरूआत के प्रक्रियात्मक पहलुओं पर आपत्ति जताई।
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने केन्द्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है और इसे मुसलमानों पर बड़ा अन्याय करार दिया है। ओवैसी ने कहा कि इस बिल में वक्फ अल औलाद का नियम आर्टिकल 25 का उल्लंघन है। जब मैं अपनी संपत्ति को अल्लाह का मालिक बनाकर दे रहा हूं तो आपको उसमें दिक्कत क्यों हो रही है? इस बिल का मकसद सिर्फ मुसलमानों को जलील और रूसवा करना है और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना है। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका के कानून को फाड़ दिया था, तो मैं भी इसे फाड़ देता हूं।