दिल्ली: भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने आज 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विधेयक को पेश किया है।जिसके बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टीयों ने इस विधेयक का विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे संविधान के खिलाफ बताया।
आज लोकसभा में पेश किए गए ‘वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन’ संबंधी विधेयक पर केन्द्र सरकार का कहना है कि, वो सिर्फ इस एक्ट में संशोधन कर रही है, ताकि पीड़ित कम से कम कोर्ट तो जा सके। 2013 में कांग्रेस सरकार ने वक़्फ़ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दी थी। जिसके अनुसार, यदि वक्फ किसी भी संपत्ति पर दावा ठोंक दे, तो पीड़ित व्यक्ति कोर्ट भी नहीं जा सकता। उसे वक्फ ट्रिब्यूनल के समक्ष ही अपील करनी होगी। एसे में फिर वक्फ बोर्ड ही विवादित संपत्ति पर फैसला दे सकता है।जमीन वापस दे या ना दे। केंद्र सरकार चाहती है कि, विवादित जमीन का निपटारा कोर्ट में हो, इसलिए संशोधन बिल लाया गया है। मगर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल, वक़्फ़ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ हैं।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ”वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है। आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया। इसके बाद कई संशोधन किए गए।”
रीजीजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया।
बिल का विरोध करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के लिए तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।अखिलेश यादव के दावों पर गृहमंत्री अमित शाह ने सख्त आपत्ति दर्ज कराई।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।
एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि या तो इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले या इसे स्थायी समिति को भेज दे… कृपया बिना परामर्श के एजेंडा आगे न बढ़ाएं।
लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं।
Waqf (Amendment) Bill, 2024 introduced in Lok Sabha by Minority Affairs Minister Kiren Rijiju: Congress says it is against the Constitution.