Delhi , 01 October 2025,
अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनट में अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं होने की वजह से अमेरिका में शटडाउन लागू हो गया। जिससे सरकारी कामकाज ठप हो गया। करीब 6 साल बाद अमेरिका में फिर से यह सरकारी शटडाउन हुआ है।
अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट में अस्थायी फंडिंग बिल (वित्तीय विधेयक) पास कराने के लिए 100 सदस्यों वाले सीनेट में 60 वोटों की आवश्यकता थी। रिपब्लिकन पार्टी के पास भले ही सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स, दोनों का नियंत्रण है, पर फंड बिल पास करने के लिए उनको सात वोटों की आवश्यकता थी। डेमोक्रेटिक नेताओं ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए। मुलाकात के कुछ घंटों बाद, ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें सदन के अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफ्रीज सीनेट के अल्पसंख्यक नेता चक शूमर का मजाक उड़ाया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाना जारी रखा कहा कि उन्होंने उन्हें जरा भी झुकते नहीं देखा। राष्ट्रपति ट्रंप ने शटडाउन के दौरान संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की भी धमकी दी। उन्होंने कहा, जब आप इसे बंद करते हैं, तो आपको छंटनी करनी पड़ती है, हम बहुत से लोगों को नौकरी से निकाल देंगे।
शटडाउन” को लेकर सत्तारूढ़ रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दलों के बीच तीखी बयानबाज़ी छिड़ गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शटडाउन के लिए प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने रिपब्लिकन नेतृत्व पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि जनता की आवश्यकताओं की अनदेखी उनकी नीतियों का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन की बागडोर अपने हाथों में होने के बावजूद रिपब्लिकन दल आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में असफल रहा है।
कांग्रेस सदस्य शोंटेल ब्राउन ने कहा कि यह बंद रिपब्लिकन सरकार की नाकामी का परिचायक है। उनके अनुसार, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने के बजाय सत्ताधारी दल ने देश को अनिश्चितता की स्थिति में धकेल दिया। कांग्रेस सदस्य जैस्मिन क्रॉकेट ने भी रिपब्लिकन दल पर “अव्यवस्था को चुनने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संसद और सीनेट दोनों में बहुमत होने के बावजूद बिल पारित कराने में विफलता, शासन की अक्षमता को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह शटडाउन जितनी देर तक जारी रहेगा, उतना ही इसका असर आम नागरिकों पर पड़ेगा। सैन्यकर्मियों, संघीय कर्मचारियों और छोटे व्यवसायों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा, वहीं पेंशन और पूर्व सैनिकों की सुविधाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। इससे पहले अमेरिका में शटडाउन ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुआ था 35 दिनों तक चला था – जो इतिहास में सबसे लंबा था।
(इनपुट-आईएएनएस)