Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
योग ध्यान बदरी मंदिर पहुंची आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, चार मई को खुलेंगे धाम के कपाट - Separato Spot Witness Times
धार्मिक राज्य समाचार

योग ध्यान बदरी मंदिर पहुंची आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, चार मई को खुलेंगे धाम के कपाट

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया जारी है। शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे। इस दौरान जय बदरी विशाल के उदघोष और मांगल गीतों से ज्योतिर्मठ नगरी गुंजायमान हो उठी। शनिवार को कुबेर जी और उद्धव जी की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ के लिए रवाना होगी।

बदरीनाथ मंदिर के कपाट चार मई को ब्रह्ममुहूर्त में छह बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। शुक्रवार को ज्योतिर्मठ नृसिंह मंदिर में सुबह से ही विशेष पूजा आयोजित हुई। इस दौरान मंदिर में दर्शनों के लिए बाहरी प्रदेशों के श्रद्धालु भी पहुंचे

सुबह करीब 10 बजे पूजा संपन्न होने के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल के साथ ही वेदपाठी योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुए। मंदिर में स्थानीय महिलाओं ने मंगल गीत गाए और गद्दी को विदा किया।

सात दशक बाद उत्सव डोली से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए गरुड़ भगवान
सात दशक बाद बदरीनाथ के वाहन गरुड़ भगवान की उत्सव डोली भी बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई। बीकेटीसी की स्वीकृति मिलने के बाद गरुड़ भगवान की मूर्ति को इस बार उत्सव डोली से प्रस्थान कराया गया। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा संपन्न होने के बाद छह माह तक गरुड़ को मूर्ति के बदरीनाथ के खजाने में रख दिया जाता है। यात्रा शुरु होने पर खजाने के साथ ही मूर्ति को बदरीनाथ ले जाया जाता है। जबकि पूर्व में उत्सव डोली में विराजमान कर गरुड़ जी की मूर्ति को बदरीनाथ ले जाया जाता था, लेकिन किन्ही कारणों से डोली की परंपरा का निर्वहन नहीं हो पाया।

इस बार देव पुजाई समिति व रेंक्वाव पंचायत की ओर से बीकेटीसी के सम्मुख उत्सव डोली का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर समिति ने अपनी सहमति दे दी। देव पुजाई समिति के अध्यक्ष अनिल नंबूरी ने बताया कि सात दशक बाद फिर से गरुड़ जी को उत्सव डोली के साथ बदरीनाथ के लिए रवाना किया गया है। शीतकाल में गरुड़ जी की नियमित पूजा-अर्चना ज्योतिर्मठ नृसिंह मंदिर में होगी।

Related posts

संरक्षित पशु के अवशेष मिलने की खबर पर बवाल, विहिप और रुद्र सेना समेत विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन

एलटीसी…उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों को सरकार की बड़ी सौगात, कर सकेंगे हवाई यात्रा

Dharmpal Singh Rawat

देहरादून: DM सोनिका ने किया जल भराव क्षेत्र और सॉन्ग नदी पुल का निरीक्षण

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment