देहरादून 10 मार्च 2023,
गोवा के संरक्षित जंगल भीषण वनाग्नि में धधक रहे हैं। जंगल लगातार छठे दिन जलते रहे जिससे दुर्लभ जैव वनस्पतियां नष्ट और वन्यजीव प्रभावित हो रहे हैं। विश्व के आठ जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक, पश्चिमी घाट का यह विशाल क्षेत्र राज्य के इतिहास में अब तक की सबसे भीषण वनाग्नि की लपटों में नष्ट हो रहा है।
अधिकारियों और अग्निशामकों को फिलहाल कोई राहत दिखाई नहीं दे रही है। दूरदराज के स्थानों और खड़ी चढ़ाई के कारण जंगल की आग बुझाने में बांधा आ रही हैं।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि, ‘पिछले छह दिनों से जंगल में आग लगी हुई है और हमने आग पर आंशिक रूप से काबू पा लिया है। इन परिस्थितियों में, अगर फिर से कोई असामान्य घटना नहीं हुई, तो हमें उम्मीद है कि हम अगले सप्ताह की शुरुआत में इसे पूरी तरह से बुझा देंगे। फारेस्ट डिपार्टमेंट ने वनाग्नि पर प्रभावी रूप से काबू पाने के लिए पांच दिन का समय मांगा है। इसके साथ ही विभाग ने रेंज अधिकारियों और फील्ड अधिकारियों को सतर्कता बढ़ाने एवं पर्यटकों व स्थानीय लोगों को संरक्षित जंगलों में प्रवेश करने से रोकने के निर्देश भी जारी किए हैं।
राज्य के वन मंत्री विश्वजीत राणे ने दावा किया था कि आग ‘मानव निर्मित’ आपदा थी. उन्होंने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। राणे के विभाग ने वन रक्षकों के खिलाफ जांच भी शुरू की थी कि क्या उनकी तरफ से कर्तव्यों के निर्वहन में कोई लापरवाही हुई है।
गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि, राज्य के महादेई वन्यजीव अभयारण्य में लगी आग को भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से नियंत्रित किया जा रहा है। नौसेना के हेलीकॉप्टरों भी मोर्चा संभाल रहे हैं।