नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस का कंबोडिया के 39 सिविल सेवकों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन पर दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू।
 
        दिल्ली, भारत सरकार की उच्च स्तरीय स्वायत्त संस्था, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) ने कंबोडिया के 39 सिविल सेवकों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन पर दूसरा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। दो सप्ताह का कार्यक्रम 27 दिसंबर, 2023 से 6 जनवरी, 2024 तक उत्तराखंड के मसूरी देहरादून में चलेगा। एनसीजीजी के प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुरूप हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर बल देती है।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक और भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने की। उन्होंने प्रभावी शासन में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन” के मंत्र का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र इसे प्राप्त करने की दिशा में कैसे प्रयास कर रहा है। सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “इन कार्यक्रमों के द्वारा, हमारा लक्ष्य अपने देशों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देना है। हमने हाल ही में कंबोडिया के लगभग 40 अधिकारियों का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया है, मार्च के अंत तक हमें कंबोडिया से और अधिक अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच एक मजबूत बंधन बनेगा”
कार्यक्रम की संरचना पर प्रकाश डालते हुए सचिव वी. श्रीनिवास ने बताया कि दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय प्रशासनिक सेवा के क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अनुरुप बनाया गया है और प्रशिक्षण नागरिकों को सशक्त बनाने वाली तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकसित हो रहे शासन परिदृश्य के अनुरूप, उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने, और दैनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए है। डिजिटल रूपांतरण की इस यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसमें पेंशनभोगियों का सशक्तिकरण, ई-ऑफिस अपनाने के माध्यम से सुव्यवस्थित नौकरशाही प्रक्रियाएं और सरकार-नागरिक संपर्क को मजबूत करने के प्रयास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक डिजिटल परिवर्तन के प्रति जी20 की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के दौरान विश्व स्तर पर भारत के प्रयासों को भी मान्यता मिली है।
इस अवसर पर उप महानिदेशक चेंग वन्नारिथ ने कंबोडियाई सिविल सेवा अधिकारियों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए वी. श्रीनिवास के साथ-साथ एनसीजीजी टीम को धन्यवाद दिया। उनके विचार में इस तरह के अनुभव से अधिकारियों को अपने देश के लोगों को बेहतर सेवाएं देने में मदद मिलेगी और अंततः सुशासन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के एसोसिएट प्रोफेसर एवं पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी.एस.बिष्ट ने अधिकारियों को पाठ्यक्रम का संक्षिप्त विवरण दिया। पाठ्यक्रम में शासन के बदलते प्रतिमान, सार्वजनिक नीति और कार्यान्वयन, प्रशासन में नैतिकता, और आपदा प्रबंधन में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, डिजिटल गवर्नेंस: पासपोर्ट सेवा और सहायता की केस स्टडी का अध्ययन, स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रदर्शन अनुकूलन, स्मार्ट और टिकाऊ शहर, नेतृत्व और संचार, ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया, लिंग और विकास, जीईएम: सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाना, प्रशासन के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता, स्मार्ट सिटी परियोजना और सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) देहरादून की यात्रा के साथ-साथ बुद्ध मंदिर की यात्रा शामिल हैं। अन्य यात्राओं में ताज महल की समापन यात्रा सहित जिला गाजियाबाद, एम्स, इंदिरा पर्यावरण भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय नई दिल्ली का दौरा शामिल है।
2014 में स्थापित नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस को भारत और अन्य देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने का काम सौंपा गया है। इन वर्षों में, केंद्र ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान और म्यांमार सहित विभिन्न देशों के अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है।
सार्वजनिक नीति और शासन पर दूसरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का समग्र पर्यवेक्षण और समन्वय कंबोडिया के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी.एस. बिष्ट, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव शर्मा, ब्रिजेश बिष्ट और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम के साथ किया जाएगा।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                