November 1, 2025

ओमिक्रॉन को आरटी-पीसीआर टेस्ट और रैपिड टेस्ट पकड़ने में सक्षम हैं: वैज्ञानिक

देहरादून 03 दिसंबर 2021,

दिल्ली, वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। सरकारों ने आनन-फानन में दूसरे देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन की ओर से नई एडवाइजरी भी जारी की गई हैं। दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्जी पहली एक्सपर्ट थीं जिन्होंने कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में सरकार को अलर्ट किया था।

ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में छायी दहशत को लेकर एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि, मैं हैरान हुईं क्योंकि मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी, काफी हफ्तों से कोरोना का कोई केस सामने नहीं आया था, ये हमारे लिए असामयिक था। मैंने मरीज़ों का टेस्ट करना शुरू किया जिनमें ऐसे लक्षण थे जो सामान्य वायरल संक्रमण के नहीं थे। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना संक्रमण की दर एक फीसदी से भी कम पर थी।

एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि, मुझे लगता है कि ये वेरिएंट कुछ समय तक रहे, हो सकता है कि दक्षिण अफ्रीका में नहीं बल्कि अन्य देशों में क्योंकि अन्य देशों में संक्रमण की संख्या में काफी वृद्धि देखी जा रही है। अभी इसके बारे में हम जो जानते हैं वह यह है कि आरटी-पीसीआर जांच में यह पकड़ में आता है। रैपिड जांच से बता सकती हैं कि आपको कोविड है या नहीं। अगर संक्रमण के लक्षणों को देखें और लक्षण डेल्टा जैसे नहीं हैं तो यह माना जा सकते हैं कि व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित है।

वैज्ञानिक ने कहा कि, इसमें 30 से अधिक उत्परिवर्तन हैं, जो डेल्टा-बीटा से बहुत अलग हैं। जब वैज्ञानिकों ने नए संस्करण की घोषणा की, तो उन्होंने कहा कि वे अभी तक सब कुछ नहीं समझते हैं। वे सिर्फ इसे अनुक्रमित कर रहे हैं। इस समय हम जो जानने की स्थिति में हैं, वह यह है कि, नया वैरिएंट को आरटी-पीसीआर टेस्ट और रैपिड टेस्ट पकड़ने में सक्षम हैं। टेस्ट इस बात की पुष्टि कर देंगे कि, आपको कोरोना है। नए वैरिएंट के लक्षण डेल्टा के समान नहीं हैं, आप सुरक्षित रूप से मान सकते हैं कि यह ओमिक्रॉन है।

एंजेलिक ने कहा कि जहां तक इसके लक्षण की बात है तो ओमिक्रॉन से संक्रमित ज्यादातर मरीजों में थकान, शरीर में अकड़न देखने को मिला है। इसके अलावा कुछ मरीजों को काफी तेज सिरदर्द और कमजोरी की भी शिकायत है। उन्होंने कहा, लेकिन किसी भी मरीज ने सूंघने की क्षमता खत्म होने या फिर स्वाद नहीं मिलने या फिर नाक जाम होने और तेज बुखार का जिक्र नहीं किया है। यदि आप फिर से क्लिनिकल ​​​​पिक्चर देखें, तो हम जानते हैं कि जैसे-जैसे वायरस विकसित होते हैं, वे कम गंभीर होते जाते हैं। हालांकि, हम 30 प्लस म्यूटेशन के कारण निश्चित नहीं थे। इसलिए, अभी के लिए, यदि हम क्लिनिकल ​​​​पिक्चर पर नजर डालें तो प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर पर ये ज्यादातर हल्के मामले हैं। उन्होंने कहा कि इस तथ्य पर कोई विवाद नहीं है कि ऐसे मरीज भी होंगे जो गंभीर संक्रमण होगा, लेकिन इस स्तर पर बहुत कम होंगे।

 

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