देहरादून 02 जनवरी 2022,
दिल्ली, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मौजूदा सकल वार्षिक पारिवारिक आय सीमा को आठ लाख रुपये तक रखने का फैसला किया है या उससे कम बनाए रखने के तीन सदस्यीय पैनल की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने विगत 30 नवंबर 2021 को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में अजय भूषण पांडे (पूर्व वित्त सचिव), वीके मल्होत्रा (सचिव, आईसीएसएसआर के सदस्य) और केंद्र के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल शामिल थे। इस समिति ने 31 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
तीन सदस्यीय समिति ने सिफारिश की है कि केवल वे परिवार जिनकी सालाना आय आठ लाख रुपये तक है वे ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ पाने के पात्र होंगे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव आर. सुब्रह्मण्यम ने केंद्र सरकार की ओर से यह हलफनामा दायर किया है। इसमें शीर्ष अदालत को बताया गया है कि केंद्र सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है जिसमें नए मानदंडों को संभावित रूप से लागू करने की सिफारिश भी शामिल है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि समिति ने सिफारिश की है कि ईडब्ल्यूएस को परिभाषित करने के लिए पारिवारिक आय एक व्यवहारिक मानदंड है। मौजूदा स्थिति में ईडब्ल्यूएस निर्धारित करने के लिए आठ लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय सीमा उचित है।