देहरादून 01 नवंबर 2021,
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कोविड एडवाइजरी कमेटी के चेयरपर्सन और लखनऊ एसजीपीजीआई के निदेशक डॉक्टर आरके धीमान ने बताया है कि, ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट की तुलना में डेल्टा ही ज्यादा घातक पाया गया है। वह कहते हैं कि उन्होंने साउथ अफ्रीका के अलग-अलग अस्पतालों और अलग-अलग राज्यों में पाए गए ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों और उनकी रिपोर्ट को स्टडी किया है। उस रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण तो फैल रहा है, लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं है जितना डेल्टा वैरिएंट था। प्रोफेसर धीमान ने बताया कि ओमिक्रॉन स्वरूप से प्रभावित मरीजों को साउथ अफ्रीका और अन्य प्रभावित देश के मरीजों की रिपोर्ट और स्थिति को जानने के बाद पता चला कि उनका ऑक्सिजन का स्तर भी उतना तेजी से नीचे नहीं गिर रहा है, जितना डेल्टा वैरिएंट से गिर रहा था।
ओमिक्रॉन के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसी को ध्यान में रखते हुए वायरस ऑफ कंसर्न घोषित किया, ताकि दुनिया भर के देश अलर्ट रहें और सचेत रहें। डॉक्टर समीरन पांडा कहते हैं कि वह और उनकी पूरी टीम इस वायरस का अध्ययन करने में लगी हुई है। वह खुद साउथ अफ्रीका और प्रभावित देशों में पाए गए मरीजों की रिपोर्ट और मरीजों की स्थितियों का गहनता से ऑब्जर्व कर रहे हैं। उनकी और उनकी टीम प्रभावित देशों के मरीजों की स्थिति आंकलन कर रही हैं। इसके अलावा अपने देश में इस बदले हुए वायरस के स्वरूप से लोगों को बचाने की तैयारियां तथा टीकाकरण के अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।