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केंद्र सरकार द्वारा पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 अधिसूचित। - Separato Spot Witness Times
राष्ट्रीय समाचार

केंद्र सरकार द्वारा पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 अधिसूचित।

देहरादून 18 अप्रैल 2023,

केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत और पशु जन्म नियंत्रण ( कुत्ता ) नियमावली, 2021 के अधिक्रमण के बाद दिनांक 10 मार्च, 2023 के जीएसआर 193 ( ई ) के द्वारा पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 अधिसूचित कर दी है।

इन नियमावलियों में भारत पशु कल्याण बोर्ड और पीपल फॉर इलिमिनेशन ऑफ स्ट्रे ट्रबल्स के बीच रिट याचिका संख्या 2009 के 691 में सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों में उल्लेख किया है कि कुत्तों को नए स्थान पर बसाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

वर्तमान नियमों के अनुसार, आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम (एबीसी) संबंधित स्थानीय निकायों/नगर पालिकाओं/नगर निगमों तथा पंचायतों द्वारा चलाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त, एबीसी कार्यक्रम के संचालन में शामिल क्रूरता पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। इन नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन के द्वारा स्थानीय निकायों द्वारा पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन किया जा सकता है जिससे पशु कल्याण मुद्दों पर ध्यान देते हुए आवारा कुत्तों की संख्या कम करने में सहायता प्राप्त होगी।

नगर निगमों को संयुक्त रूप से एबीसी तथा रैबीज रोधी कार्यक्रम को कार्यान्वित करने की आवश्यकता है। नियमावलियों में इन दिशानिर्देशों का भी प्रावधान किया गया है कि किसी क्षेत्र में कुत्तों को बिना स्थानांतरित किए किस प्रकार मनुष्य और आवारा कुत्तों के बीच के संघर्षों से निपटा जा सकता है।

नियम के तहत आने वाली आवश्यकताओं में से एक यह है कि पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से स्वीकृत एडब्ल्यूबीआई मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा चलाया जाना चाहिए। ऐसे संगठनों की सूची बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी जो समय समय पर अपडेट भी की जाएगी।

केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पशु पालन विभाग एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिवों को पत्र जारी कर दिया है। इसलिए, स्थानीय निकायों से आग्रह किया जाता है कि वे नियमों को अक्षरश: कार्यान्वित करें और किसी भी ऐसे संगठन को एबीसी कार्यक्रम संचालित करने की अनुमति एडब्ल्यूबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त संगठनों को ही दी जाए।

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