देहरादून 14 जनवरी 2023,
दिल्ली: समाज में नफ़रत फैलाने वाले चैनलों, भाषणों, हेट स्पीच से संबंधित दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने “हेट स्पीच” मामलों में टीवी चैनलो की भूमिका पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, नफरत फैलाने वाले एंकरों को ऑफ एयर किया जाए। मीडिया समाज को बांटने का काम नहीं कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की एक बेंच, हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। चैनल सुदर्शन न्यूज टीवी द्वारा ‘यूपीएससी जिहाद’ अभियान, तब्लीगी जमात , ‘कोरोना जिहाद’ अभियान, धर्म संसद सभाओं और हेट स्पीच पर रोक लगाने हेतु दिशा-निर्देश जारी करने के संबंध में याचिका दायर की गई थीं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस जोसेफ ने हेट स्पीच मामले से जुड़े कूच एंकरों की भूमिका पर कहा, ”वे इसे सनसनीखेज बनाते हैं। विजुअल प्रसारण के कारण समाज में विभाजन पैदा करते हैं। प्रिंट मीडिया की तुलना में विजुअल मीडिया ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है। जस्टिस जोसेफ ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा कि अगर टीवी कार्यक्रम के एंकर ही तटस्थ नहीं हैं तो क्या किया जा सकता है? एनबीएसए को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि, यदि एंकर निष्पक्ष नहीं है … एंकर किसी पक्ष को प्रोजेक्ट करना चाहेगा, तो वह दूसरे पक्ष को म्यूट कर देगा, किसी एक पक्ष पर सवाल नहीं उठाएगा। यह पक्षपात को इंगित करता है। जस्टिस ने कहा कि आपत्तिजनक एंकरों को ऑफ एयर किया जाना चाहिए। और उन चैनलों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए जो सूचना प्रसारण नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।