देहरादून 13 दिसंबर 2022,
उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रेस वार्ता में, जिला प्रशासन पर प्रभावशाली लोगों को संरक्षण देने और अतिक्रमण हटाने के नाम पर छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि जिला प्रशासन ने छोटे व्यापारियों के निर्माण को अतिक्रमण के नाम पर बिना नोटिस दिए दिए हैं। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सफेदपौश भू माफिया द्वारा किए गए अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टा उन्हें संरक्षण दिया गया है। यूकेडी के यूकेडी के मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री ने सरकार पर भूमाफिया को पनपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मसूरी रोड पर एक तरफ हयात होटल जैसे बड़े ग्रुप के लिए रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन से रास्ता बनाने दिया गया जबकि उसी रोड पर थोड़ा आगे मैगी प्वाइंट के पास छोटे-छोटे व्यवसायिक निर्माणों को बिना नोटिस दिए जिला प्रशासन ध्वस्त कर रहा है, ताकि उसके पास एक बड़े होटल व्यवसाई को निर्माण करने के लिए अनुकूल जगह उपलब्ध कराई जा सके।
उत्तराखंड क्रांति दल की महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा ने उप जिलाधिकारी डॉ. शिव कुमार बरनवाल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि खुद तहसील के कर्मचारी भू माफिया के साथ मिलीभगत करके चाय बागान की जमीन पर अवैध कब्जे करा रहे हैं, जबकि हाई कोर्ट ने उन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया है। उत्तराखंड क्रांति दल की वरिष्ठ नेत्री राजेश्वरी रावत ने चेतावनी दी है कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद बड़े भू माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है क्योंकि भाजपा ने खुद देहरादून के रिंग रोड में 10 बीघा टी प्लांटेशन की सरकारी जमीन अवैध तरीके से अपने नाम करा रखी है।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि, मौज़ा दानियो के डांडा मे निर्मित सर बायोटेक इंडिया लिमिटेड कंपनी के होटल हयात रेजीडेंसी का मानचित्र , मसूरी देहारादून विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव, इंजीनियर, लेखपाल एव अन्य कर्मचारियो द्वारा अवैध रूप से कराया गया है।
यूकेडी ने सरकार से मांग की है कि सर बायोटेक इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित पाँच सितारा होटल हयात रेजीडेंसी का स्वीकृत मानचित्र व शमन मानचित्र स्थगित कर तत्काल व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए व पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी साबित होने पर होटल का मानचित्र निरस्त किया जाए और उक्त प्रकरण में सम्मालित प्राधिकरण के इंजीनियरों, अधिकारियों व लेखपाल पर कठोर कार्यवाही की जाए। यूकेडी ने भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई न करने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है साथ ही कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर बड़े व्यवसायियों को फायदा देने के लिए उत्तराखंड के आम आदमी का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।