Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
विश्व की परस्पर जुड़ाव की प्रकृति को देखते हुए, सभी सरकारों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग करना चाहिए:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। - Separato Spot Witness Times
अंतरराष्ट्रीय समाचार

विश्व की परस्पर जुड़ाव की प्रकृति को देखते हुए, सभी सरकारों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग करना चाहिए:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में शासन के बदलते स्वरूप पर अपने विचार साझा करते हुए “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के मंत्र पर आधारित भारत के परिवर्तनकारी सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय अनुभव को साझा करते हुए बताया कि देश ने कल्याण, समावेशिता और स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ कैसे उठाया, उन्होंने शासन के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण का आह्वान किया। उन्होंने एक समावेशी समाज का लक्ष्य हासिल करने के लिए जन-भागीदारी, अंतिम व्यक्ति तक सुविधाओं की पंहुच और महिलाओं के नेतृत्व पर आधारित विकास पर भारत के फोकस को उजागर किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया। वे संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और दुबई के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में गए है। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में – “भविष्य की सरकारों को आकार देना” विषय पर मुख्य भाषण दिया।

‌प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि विश्व की परस्पर जुड़ाव की प्रकृति को देखते हुए, सभी सरकारों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग करना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन का समावेशी, तकनीकी-स्मार्ट, स्वच्छ, पारदर्शी और हरित पर्यावरण को अपनाना समय की मांग है। इस संदर्भ में, उन्होंने बलपूर्वक कहा कि सरकारों को सार्वजनिक सेवा के प्रति अपने दृष्टिकोण में जीवन में सरलता, न्याय में आसानी, गतिशीलता में आसानी, नवाचार में आसानी और व्यापार करने में आसानी को प्राथमिकता देनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन कार्रवाई के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे एक टिकाऊ दुनिया के निर्माण के लिए मिशन लाईफ (पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली) में शामिल हो।

प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष जी-20 की अध्यक्षता के रूप में दुनिया के समक्ष भारत की विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर निभाई गई नेतृत्वकारी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। इस संदर्भ में, उन्होंने ग्लोबल साउथ के सामने आने वाली विकास संबंधी चिंताओं को वैश्विक चर्चा के केंद्र में लाने के लिए भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला। बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार प्रकिया का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें निर्णय लेते समय ग्लोबल साउथ की कठिनाईयों और आवाज को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत “विश्व बंधु” के रूप में वैश्विक प्रगति में योगदान देना जारी रखेगा।

  •             ***

 

Related posts

Iran declares five days of public mourning over the deaths of President Ebrahim Raisi and Foreign Minister Amir Abdollahian in a helicopter crash

Dharmpal Singh Rawat

तुर्की में करीब 5.2 तीव्रता का भूकंप:बागेश्वर में 2.5 भूकंप,

Dharmpal Singh Rawat

डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी प्रमुख साधन है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment