देहरादून 07 अप्रैल 2022,
मध्यप्रदेश: व्यवसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं के चर्चित मामले के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर आनंद राय की याचिका को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। टीईटी प्रश्नपत्र के स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में उप सचिव के पद पर तैनात लक्ष्मण सिंह मरकाम ने आनंद राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर को निरस्त करने के लिए आनंद राय द्वारा दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को भी निरस्त किया है, जिस पर आनंद राय के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही ना करने का आदेश था।
आनंद राय ने मध्य प्रदेश टीईटी के प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इस मामले में आनंद राय के खिलाफ भोपाल के आजाक थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था। एमपी टीईटी के प्रश्नपत्र के सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट में लक्ष्मण सिंह का नाम दिख रहा था। इस स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए आनंद राय ने सवाल किया था कि लक्ष्मण सिंह आखिर कौन है?
इसके बाद सीएम ऑफिस में उप सचिव के पद पर तैनात लक्ष्मण सिंह मरकाम ने आनंद राय और कांग्रेस नेता के के मिश्रा के खिलाफ भोपाल के अजाक थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। दोनों के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने कोर्ट को बताया था कि उक्त पोस्ट सागर के एक निजी कॉलेज से वायरल हुई थी और आवेदक यानी डॉ आनंद राय ने अपनी पोस्ट में किसी का अपमान नहीं किया और ना ही जातिगत आधार पर कुछ कहा है।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि पहली नजर में केस बनता है और उसमें विस्तार से जांच की जरुरत है। इस टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता आनंद राय की अग्रिम जमानत और केस खारिज करने की याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि हाईकोर्ट ने अनुमति दी है कि आनंद राय अग्रिम जमानत और केस खारिज करने के लिए अलग से याचिका दायर कर सकते हैं।