दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। गत मंगलवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह- अध्यक्षता की थी। आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आज पेरिस में 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संयुक्त रूप से संबोधित किया। इस फोरम में रक्षा, एयरोस्पेस, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, एडवांस्ड मैन्यूफैक्चरिंग, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, लाइफ साइंसेज, कल्याण एवं जीवन शैली और भोजन एवं आतिथ्य जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए दोनों पक्षों की कंपनियों के विविध समूह के सीईओ ने अपने उपलब्धियां साझा की। उन्होंने कहा पिछले दशक में भारत में हुए परिवर्तनकारी बदलावों से आज भारत तेजी से एक पसंदीदा वैश्विक निवेश डेस्टिनेशन बन रहा है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने भारत और फ्रांस के बीच व्यापार एवं आर्थिक सहयोग के विस्तार और इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मिले प्रोत्साहन का उल्लेख किया। उन्होंने स्थिर राजनीतिक व्यवस्था और पूर्वानुमानित नीतिगत इकोसिस्टम पर आधारित एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के आकर्षण पर प्रकाश डाला। हाल के बजट में घोषित सुधारों की बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बीमा क्षेत्र अब शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए खुला है और एसएमआर व एएमआर प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र निजी भागीदारी के लिए खुला है;श। सीमा शुल्क दर संरचना को तर्कसंगत बनाया गया है; और जीवनयापन में सुगमता को बढ़ाने हेतु सरलीकृत आयकर संहिता लाई जा रही है। आर्थिक सुधारों को जारी रखने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि विश्वास आधारित आर्थिक शासन स्थापित करने के उद्देश्य से नियामक सुधारों के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसी भावना के साथ, पिछले कुछ वर्षों में 40 हजार से अधिक अनुपालनों को तर्कसंगत बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी कंपनियों को रक्षा, ऊर्जा, राजमार्ग, नागर विमानन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा, फिनटेक और सतत विकास के क्षेत्रों में भारत की विकास गाथा द्वारा पेश किए गए अपार अवसरों की ओर देखने के लिए आमंत्रित किया। भारत के कौशल, प्रतिभा एवं नवाचार और इसके द्वारा शुरू किए गए एआई, सेमीकंडक्टर, क्वांटम, क्रिटिकल मिनरल्स और हाइड्रोजन से संबंधित नए मिशनों को वैश्विक स्तर पर मिली सराहना और उनमें दिखाई गई रुचि को रेखांकित करते हुए, उन्होंने फ्रांसीसी उद्यमों से पारस्परिक विकास एवं समृद्धि के लिए भारत के साथ साझेदारी करने का आह्वान किया। नवाचार, निवेश और प्रौद्योगिकी-संचालित साझेदारी को बढ़ावा देने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने इन क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री का संपूर्ण संबोधन यहां देखा जा सकता है।
फ्रांस के यूरोप एवं विदेश मामलों के मंत्री जीन-नोएल बैरोट और फ्रांस के अर्थव्यवस्था, वित्त तथा औद्योगिक एवं डिजिटल संप्रभुता मंत्री महामहिम एरिक लोम्बार्ड के साथ-साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी फोरम को संबोधित किया।
14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में , भारतीय और फ्रांस के एयरोस्पेस और रक्षा, रसायन, स्वास्थ्य सेवा, इंजीनियरिंग, ब परिवहन, सेवाएं , सूचना प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, खाद्य एवं पेय पदार्थ, ऊर्जा, पावर, आर्किटेक्चर कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा , सौंदर्य प्रसाधन और उपभोक्ता सामग्री , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा, जहाज निर्माण, इंजीनियरिंग, , फार्मास्यूटिकल्स, सैक्टर के सीईओ , निदेशक और डायरेक्टर शामिल हुए।