October 31, 2025

1.18 करोड़ रुपये के इनामी 23 नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में किया आत्मसमर्पण,

Chattishgarh, 13 July 2025,

केंद्र और राज्य सरकार की 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया करने का संकल्प अब सिद्धी प्राप्ति की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। केन्द्र सरकार के एंटी नक्सल ऑपरेशन और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलियों के लिए बेहतरीन आत्मसमर्पण नीति के प्रभाव से दुर्दांत नक्सली भी आत्मसमर्पण करने के लिए आगे आने लगे हैं। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। बीते शनिवार को 23 इनामी नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचकर आत्मसमर्पण किया है। इन पर कुल 1.18 करोड़ रुपये के इनाम घोषित थे।

आत्मसमर्पण पुलिस अधीक्षक सुकमा किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह की मौजूदगी में हुआ।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 8 लाख रुपये इनामी नक्सली लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा , रमेश उर्फ कलमू केसा , कवासी मासा , प्रवीण उर्फ संजीव उर्फ मड़कम हुंगा , नुप्पो गंगी , पुनेम देवे , परस्की पांडे , माड़वी जोगा , नुप्पो लच्छु उर्फ लक्ष्मण , पोड़ियाम सुखराम , सेक्शन ‘ए’ का सदस्य, दूधी भीमा – प्लाटून क्रमांक 04 का डिप्टी कमांडर और पीपीसीएम रैंक का माओवादी है। 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली मुचाकी रनौती उर्फ हिड़मे, कलमू दुला , दूधी मंगली, सिद्धार्थ उर्फ माड़वी इंदा ने आत्मसमर्पण किया है। 3 लाख रुपये इनामी पार्टी सदस्य हेमला रामा और 1 लाख रुपये इनामी पार्टी सदस्य सोड़ी हिड़मे, कवासी जोगा , रूपा उर्फ भीमे , गगन उर्फ करटम दुड़वा, कवासी हुंगी ,कारम भीमा , मड़कम नंदे आत्मसमर्पण करने वाले में शामिल रहे।

आईजी बस्तर सुंदरराज पट्टलिंगम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, नक्सलियों के आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट है कि माओवादी अब हिंसा को छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाह रहे हैं। यह बस्तर में शांति और पुनर्वास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर लिखा, “बस्तर बदल रहा है, बंदूकें थम रही है। लोकतंत्र की लौ अब हर कोने में जल रही है। सुकमा जिले में 1 करोड़ 18 लाख रुपए के 23 इनामी नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण किया है, इन्हें मिलाकर पिछले 24 घंटों के भीतर प्रदेश में कुल 45 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ लोकतंत्र पर भरोसा दिखाया है। ये सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं है, ये उस विश्वास की जीत है जो हमारी सरकार ने नियद नेल्ला नार जैसी योजनाओं के माध्यम से विकास के रूप में सुदूर अंचलों तक पहुंचाया है। अब यहाँ बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली सुनाई दे रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले 15 महीनों में 1521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright2017©Spot Witness Times. Designed by MTC, 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.