शैक्षणिक संस्थानों को ड्रेस कोड तय करने का अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट।
देहरादून 15 सितंबर 2022,
दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा शिक्षण संस्थानों में हिजाब मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियम कहते हैं कि शैक्षणिक संस्थानों को ड्रेस तय करने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि हिजाब उससे अलग है।
उल्लेखनीय है कि, हिजाब मामले को लेकर पिछले कई दिनों से सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इससे पहले बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामले पर सुनवाई के दौरान कहा था कि सिखों के कृपाण और पगड़ी की तुलना हिजाब से नहीं है, क्योंकि सिखों के लिए पगड़ी और कृपाण पहनने की अनुमति है। यह टिप्पणी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान की गई है।
इस मामले में पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि, कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में सवाल केवल स्कूलों में प्रतिबंध को लेकर है, जबकि किसी को भी इसे कहीं और पहनने की मनाही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार के दौरान ये बात कही थी। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ से अनुरोध किया कि इस मामले को पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाए।इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को तय की गई है।
