देहरादून 26 दिसंबर 2022,
आज देश पहला ‘वीर बाल दिवस’ मना रहा है। जिस दिन को, जिस बलिदान को हम पीढ़ियों से याद करते आए हैं, आज एक राष्ट्र के रूप में उसे एकजुट नमन करने के लिए एक नई शुरुआत हुई है। शहीदी सप्ताह और ये वीर बाल दिवस, हमारी सिख परंपरा के लिए भावों से भरा जरूर है लेकिन इससे आकाश जैसी अनन्त प्रेरणाएं भी जुड़ी हैं। वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती। ‘वीर बाल दिवस’ हमें याद दिलाएगा है कि दस गुरुओं का योगदान क्या है, देश के स्वाभिमान के लिए सिख परंपरा का बलिदान क्या है!‘वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि- भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है। हमें साथ मिलकर वीर बाल दिवस के संदेश को देश के कोने-कोने तक लेकर जाना है। हमारे साहिबजादों का जीवन, उनका जीवन ही संदेश देश के हर बच्चे तक पहुंचे, वो उनसे प्रेरणा लेकर देश के लिए समर्पित नागरिक बनें, हमें इसके लिए भी प्रयास करने हैं। मुझे विश्वास है, हमारे ये एकजुट प्रयास समर्थ और विकसित भारत के हमारे लक्ष्य को नई ऊर्जा देंगे। मैं फिर एक बार वीर साहिबजादों के चरणों में नमन करते हुए इसी संकल्प के साथ, आप सभी का हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर ट्विट करते हुए कहा कि, “गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों ने छोटी उम्र में भी मातृभूमि व धर्म की रक्षा हेतु दुश्मनों का बहादुरी से सामना किया। उनकी शौर्यगाथा हमारी धरोहर हैं जिसका स्मरण कर मोदी सरकार ‘वीर बाल दिवस’ मना रही है।
साहिबजादों, माता गुजरी व गुरु गोविंद सिंह जी की वीरता व बलिदान को सादर नमन।”