Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the pennews domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/hy55hp3a22dd/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
उत्तराखंड: एक नज़र UCC मे शामिल हुए प्रावधानों पर - Separato Spot Witness Times
राज्य समाचार राष्ट्रीय समाचार

उत्तराखंड: एक नज़र UCC मे शामिल हुए प्रावधानों पर

 

 

धामी सरकार के UCC मे होंगे ये प्रावधान

 

“तलाक़ के सारे धार्मिक तरीक़े होंगे बैन। ट्रिपल तलाक़ ही नहीं, तलाक़ ए हसन भी बैन और तलाक़ ए अहसन भी।

 

*सभी तरह के तलाक खत्म। केवल ज्यूडीशियल तलाक ही मान्य होगा। तलाक-ए-अहसन और तलाक-ए-हसन पर भी रोक लगेगी।

 

लिव इन की जानकारी न देने पर सज़ा का प्रावधान।”

 

लिव इन रिलेशनशिप को डिक्लेअर न करने पर सजा का प्रावधान। लिव इन रिलेशनशिप डिक्लरेशन वैधानिक जरूरत होगी। मां-बाप को भी जाएगी सूचना।

 

* बहुविवाह, निकाल हलाला और इद्दत पर रोक।

 

* लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाई जाएगी ताकि वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें।

 

* शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा। ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

 

* पति-पत्नी दोनो को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

 

* पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।

 

* उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

 

* नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

 

 

* मेंटेनेंस– अगर पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की।

 

 

* एडॉप्शन– सभी को मिलेगा Adoption का अधिकार। मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार। गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

 

*गार्जियनशिप– बच्चे के अनाथ होने की सूरत में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।

* पति-पत्नी के झगड़े की सूरत में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।

 

देश के यूनिफॉर्म सिविल कोड का टेंपलेट बनेगा उत्तराखंड का यूनिफॉर्म सिविल कोड

Related posts

यमुनोत्री हाईवे पर वाहनों की हुई भिड़ंत, महिला यात्री का पैर फैक्चर, बच्चे सुरक्षित

Dharmpal Singh Rawat

उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जाना चीला मार्ग में हुई सड़क दुर्घटना में घायलों का हाल

Dharmpal Singh Rawat

भारतीय नौसेना के कमांडरों का सम्मेलन 31 अक्टूबर से 03 नवंबर, 2022 तक।

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment