स्वामी रामतीर्थ जी के 150वीं जयंती वर्ष।
 
        उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह रि. ने आज रामतीर्थ केंद्र सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में स्वामी रामतीर्थ जी के 150वीं जयंती वर्ष और रामतीर्थ केंद्र की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित “आत्म ज्ञान ज्योति” समारोह में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा, रामतीर्थ केंद्र की स्थापना के लिए स्व.आचार्य डॉ. केदारनाथ प्रभाकर जी का स्मरण करते हुए उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की।आचार्य के प्रयासों से यह केंद्र स्वामी रामतीर्थ जी के आध्यात्म के विचारों को मानवता की उन्नति के लिए निरंतर प्रचारित कर रहा है। स्वामी रामतीर्थ जी महान संत परंपरा के ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने विश्वकल्याण के संकल्प और भारतीय वेदान्त दर्शन के चिंतन के साथ विश्व को एक मार्ग दिखाया। वर्तमान परिपेक्ष्य में स्वामी रामतीर्थ जी के महान विचारों और सिद्धांतों के साथ-साथ उनके जीवन मूल्यों पर चिंतन करने की बेहद आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा, यह संयोग की बात है कि स्वामी रामतीर्थ जी ने देवभूमि उत्तराखण्ड के टिहरी की पवित्र भूमि से जो ज्ञान अर्जित किया उसके बल पर उन्होंने विदेशों में वेदांत का डंका बजाया और यह प्रतिष्ठित किया कि वैदिक दर्शन हर प्रकार से श्रेष्ठ और बहुत ऊँचा है।

 
                         
                 
                 
                 
                 
                