राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 75वें गणतंत्र दिवस पर समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बग्गी पर सवार होकर गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे। 40 साल बाद (2014 को छोड़ कर) भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस परेड के समारोह में हिस्सा लेने के लिए बग्गी का इस्तेमाल किया है। दरअसल, सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक समारोहों में बग्गी की परंपरा को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब एक बार फिर से इसे पुनर्जीवित किया गया है। ये परंपरा ब्रिटिश काल में ये भारत के वायसराय की बग्गी होती थी।
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से इस बग्गी का इस्तेमाल बंद कर दिया गया था। लेकिन साल 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस बग्गी में सवार होकर बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस बार राष्ट्रपति ने 40 साल बाद गणतंत्र दिवस समारोह में जाने के लिए बग्गी की सवारी की है।
75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर भारत सरकार के ‘अनंत सूत्र’ कार्यक्रम में उत्तराखण्ड प्रवासी महिला दल ने उत्तराखण्ड के गढ़वाल, कुमाऊं व जौनसार की पारंपरिक वेशभूषा में प्रतिभाग करते हुए लोक संस्कृति का प्रदर्शन किया।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 को पंजाब के अमृतसर स्थित अटारी-वाघा सीमा पर आयोजित होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह का शुभारंभ भव्य तिरंगे को फहराकर हुआ, जिसने सीमा पर उपस्थित हजारों दर्शकों की उपस्थिति में हुआ। भारतीय सेना के जवानों की अनुशासित कतारबद्ध चाल, शानदार पोशाक और अटूट उत्साह ने वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। मार्च के दौरान उनके हाव-भाव, उनकी दृढ़ता और उनके चेहरे पर देशप्रेम की चमक सभी को मंत्रमुग्ध कर रही थी।
पाकिस्तानी सेना के जवानों ने भी अपने जज्बे का प्रदर्शन किया. दोनों सेनाओं के जवानों के बीच अनुशासित मार्च और टकराते कदमों का यह नजारा एक अनोखा दृश्य था, जो सैन्य शक्ति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक था।