दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा पेश ‘एक देश-एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय आज बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है। सूत्रों के अनुसार, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
पिछले साल 2 सितंबर को ‘एक देश-एक चुनाव’ के लिए गठित समिति ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में कई विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के विचार शामिल हैं। समिति ने सुझाव दिया है कि सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 2029 तक किया जाए, जिससे अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही इनके चुनाव भी एक साथ कराए जा सकें।
कमेटी ने चुनावों के आयोजन के लिए एक चरणबद्ध योजना भी पेश की है। पहले चरण में लोकसभा और सभी विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने का सुझाव दिया गया है। दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके अलावा, समिति ने यह भी सिफारिश की है कि यदि किसी विधानसभा में हंग असेंबली या अविश्वास प्रस्ताव जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो उस स्थिति में बचे हुए कार्यकाल के लिए चुनाव कराने की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
रिपोर्ट में चुनाव आयोग को एक ही वोटर लिस्ट तैयार करने की भी सिफारिश की गई है।
The proposal of ‘One Country-One Election’ was approved in the Union Cabinet meeting.