December 21, 2025

बणतोली में 40 मीटर रास्ता ध्वस्त, 153 यात्री किए रेस्क्यू, मद्महेश्वर की यात्रा ठप

मूसलाधार बारिश से द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोड़ने वाला पैदल मार्ग बणतोली के समीप 40 मीटर ध्वस्त हो गया। यहां फंसे करीब 153 यात्रियों को एसडीआरएफ की टीम ने रस्सियों के सहारे रेस्क्यू किया और गौंडार गांव पहुंचाया। इसके बाद यात्री रांसी गए और गंतव्य को रवाना हुए। अब पैदल रास्ता ध्वस्त होने से यात्रा भी ठप हो गई है। विधायक आशा नौटियाल ने लोनिवि को जल्द वैकल्पिक पैदल मार्ग निर्माण कर दो दिन में यात्रा शुरू करने के निर्देश दिए।

शनिवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश से गौंडार गांव से करीब एक किमी आगे बणतोली के समीप सहढुंगीधार में भारी भूस्खलन से मद्महेश्वर पैदल मार्ग लगभग 40 मीटर तक ध्वस्त हो गया है। यहां पहाड़ी से गिरे बोल्डरों के साथ मिट्टी का कटाव हो गया, जिससे रास्ता बंद हो गया और मंदिर से लौटने वाले यात्री भी फंस गए। ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों की सूचना पर पूर्वाह्न 11.30 बजे निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। जिला आपदा प्रबंधन दल के जवानों के सहयोग से रस्सियों के सहारे 153 यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू किया गया और गौंडार गांव पहुंचाया गया। शाम 6 बजे तक रेस्क्यू चला। इसके बाद यहां से यात्री रांसी पहुंचे और अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए

ग्राम पंचायत गौंडार के ग्राम प्रधान अनूप पंवार, पूर्व ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार और सरपंच फते सिंह ने बताया कि बीते 5 अगस्त को मोरकुंड़ा नदी पर बनी अस्थायी पुलिया बहने से ट्राॅली के सहारे यात्री मद्महेश्वर भेजे जा रहे थे। अब रास्ता ध्वस्त होने से यात्रा बंद हो गई है। इधर केदारनाथ विधानसभा की विधायक आशा नौटियाल ने बताया कि लोनिवि को प्रभावित क्षेत्र में त्वरित वैकल्पिक रास्ता तैयार कर अगले दो-तीन दिन में द्वितीय केदार की यात्रा संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। बताया कि वर्ष 2023 में अतिवृष्टि से 30 मीटर लंबा स्टील गार्डर पुल ध्वस्त हो गया था। मोरकुंडा नदी पर प्रस्तावित 90 मीटर लंबे झूला पुल के लिए भी शासन से सैद्धांतिक और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है।

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