October 31, 2025

सी.पी. राधाकृष्णन ने आज भारत के पंद्रहवें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई,

Delhi , 12 September 2025,

सी.पी. राधाकृष्णन ने आज भारत के पंद्रहवें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सी.पी. राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। श्री राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।

   शपथ ग्रहण करने के बाद, सी.पी. राधाकृष्णन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और किसान घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे, चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करके, वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। वर्ष 1996 में, सी.पी. राधाकृष्णन को तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। वे 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में पुनः निर्वाचित हुए। वर्ष 2004 में, श्री राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान का दौरा करने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे। वर्ष 2004 से 2007 के बीच, श्री राधाकृष्णन तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस पद पर कार्य करते हुए, उन्होंने 19,000 किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ की, जो 93 दिनों तक चली। यह यात्रा भारत की सभी नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता को लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और नशीले पदार्थों के खतरे से निपटने जैसी उनकी मांगों को रेखांकित करने हेतु आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए दो अतिरिक्त पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया। वर्ष 2016 में, श्री राधाकृष्णन को कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वे चार वर्षों तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में, भारत से होने वाला कॉयर का निर्यात 2,532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2020 से 2022 के दौरान, वे केरल में भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे।

18 फरवरी 2023 को, एक राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अपने कार्यकाल के पहले चार महीनों में, उन्होंने राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया और नागरिकों व जिले के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला।

 

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