October 31, 2025

जिलों में विशेष थीम पर होगा सहकारी मेलों का आयोजन, तीन अक्टूबर से 31 दिसंबर तक होंगे

प्रदेश में तीन अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक सभी जिलों में विशेष थीम पर आधारित वृहद सहकारिता मेले लगाएं जाएंगे। इन मेलों का मकसद स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा देना है।

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इन मेलों के जरिए प्रदेश के किसानों, काश्तकारों, कारीगरों, युवाओं, महिला स्वयं सहायता समूहों, सहकारी संस्थाओं को अपने उत्पादों के प्रदर्शन व विक्रय के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही विभागीय एवं अंतर्विभागीय योजनाओं का प्रदर्शन और प्रचार-प्रसार भी मेलों के माध्यम से किया जाएगा।

मेलों में स्थानीय सांसद, क्षेत्रीय विधायक, महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, सहकारिता आंदोलन से जुड़े व्यक्ति एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। मेलों की लगातार मॉनिटिरिंग, रिपोर्टिंग भी की जाएगी। इसके लिए जिलास्तरीय समिति हर दिन राज्य स्तरीय समिति को अनिवार्य रूप से रिपोर्ट भेजनी होगी। साथ ही प्रत्येक मेले के बाद 15 दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
हर जिले को दी गई अलग-अलग थीम

डॉ. रावत ने बताया कि प्रत्येक जिले में आयोजित होने वाले इन मेलों की अलग-अलग थीम होगी। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में सहकारिता से हस्त शिल्प संरक्षण थीम पर मेले का आयोजन होगा। इसमें जैविक उत्पाद, स्थानीय कला, ऊनी उत्पाद का प्रदर्शन किया जायेगा साथ ही प्राकृतिक खेती पर संगोष्ठी भी होगी।

इसी प्रकार पौड़ी के लिए सहकारिता से ग्रामीण सशक्तिकरण थीम निर्धारित की गई है। बागेश्वर में सहकारिता से पर्वतीय कृषि, रुद्रप्रयाग में धार्मिक पर्यटन विकास, पिथौरागढ़ में सीमावर्ती समृद्धि, चमोली में पर्यावरण संरक्षण, ईको टूरिज्म, वन सहकारिता को बढ़ावा, चंपावत में सीमांत विकास की थीम होगी। उत्तरकाशी में हिमालय जैव संसाधन एवं साहसिक पर्यटन, ऊधमसिंहनगर में औद्योगिक कृषि, हरिद्वार में आध्यात्मिक समृद्धि, नैनीताल में पर्यटन विकास, टिहरी में पर्यावरण संरक्षण एवं ईको टूरिज्म तथा देहरादून में सहकारिता से शहरी ग्रामीण एकता थीम पर मेले का आयोजन किया जाएगा।

वाद-विवाद, क्विज प्रतियोगिता होगी

सहकारिता मेलों के माध्यम से स्थानीय विद्यालयों, विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सहकारिता आंदोलन से रू-ब-रू कराया जाएगा। इसके तहत कला, वाद-विवाद एवं क्विज प्रतियोगिता होगी।मेलों में विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र, स्वास्थ्य सत्र, डिजिटल साक्षरता, सामुदायिक सहकारिता व महिला सशक्तिकरण पर चर्चा-परिचर्चा होगी

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