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नेपाल में संसदीय चुनाव 5 मार्च, 2026 को होंगे: राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने की घोषणा, - Separato Spot Witness Times
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नेपाल में संसदीय चुनाव 5 मार्च, 2026 को होंगे: राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने की घोषणा,

Nepal 14 September 2025,

नेपाल में जेनरेशन-जेड आंदोलन की आंधी से राजनीति में आए बदलाव के बाद नेपाल में अब धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है। काठमांडो घाटी समेत देश के अन्य हिस्सों से शनिवार को कर्फ्यू और प्रतिबंधात्मक आदेश हटा लिया गया। दुकानें, किराना स्टोर, सब्जी बाजार और शॉपिंग मॉल दोबारा खुल गए हैं। काठमांडू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिश्वो अधिकारी के अनुसार, हालांकि काठमांडू घाटी के अधिकांश क्षेत्र अब प्रतिबंधों से मुक्त हैं, लेकिन संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में प्रतिबंध जारी रहेंगे।

प्रदर्शनकारी समूह की मांग पर नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार की कमान संभाल ली है। कार्की ने बीते शुक्रवार की शाम नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वहीं, नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 12 सितंबर को प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया और आगामी संसदीय चुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की घोषणा के मुताबिक अगले संसदीय चुनाव 5 मार्च, 2026 को होंगे।

वहीं, अब अंतरिम सरकार के गठन के बाद, सुशीला कार्की ने रक्षा, गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों सहित करीब दो दर्जन विभागों की जिम्मेदारी खुद संभालने का फैसला किया है, ताकि चुनाव तक देश की प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू बनी रहे। सुशीला कार्की मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में ही संसद ने शपथ भंग करने की सिफारिश की। जिसे राष्ट्रपति ने तुरंत मंजूर कर लिया। नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 80के तहत कार्की ने शपथ ली है।

सुशीला कार्की के कंधों पर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय, ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्रालय की जिम्मेदारी हैं। जहां उनका काम राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना का प्रबंधन देखना, आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की देखरेख करना, आर्थिक स्थिरता और बजट नियोजन, अंतरराष्ट्रीय संबंध बनाए रखना, स्वास्थ्य सेवाएं और बुनियादी ढांचे की मरम्मत को जोर देकर नेपाल में शांति-व्यवस्था को कायम रखना है।

दूसरी तरफ, चुनाव आयोग को नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जरूरत है, जो संसद की मंजूरी पर निर्भर करता है। लेकिन संसद भंग होने से यह प्रक्रिया जटिल हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि चुनावी तैयारियां तुरंत शुरू होनी चाहिए, क्योंकि नेपाल की संविधानिक जिसमें प्रमुख राजनीतिक हस्तियां, सुरक्षा प्रमुख और राजनयिक मौजूद थे। खास बात यह है कि अंतरिम सरकार में पूर्ण कैबिनेट गठन न होने के कारण कार्की ने 20से अधिक मंत्रालयों की कमान खुद संभाली है। सीमा के मुताबिक छह महीने में चुनाव अनिवार्य हैं। नेपाल संविधान के अनुसार, 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा के लिए 165 सीधे निर्वाचन क्षेत्रों और 110 आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर आधारित मतदान होगा। मतदान का अधिकार 18 वर्ष से ऊपर के नेपाली नागरिकों को है, लेकिन 3 फीसदी न्यूनतम वोट थ्रेशोल्ड पार्टियों के लिए चुनौती होगा।

मीडिया सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री सुशीला कार्की शीघ्र ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती हैं। वह मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देने में अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं।

 

 

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