दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी-20 के मंच पर भारत ने 3 बड़ी वैश्विक चुनौतियां , समावेशी और सतत आर्थिक विकास : हमारी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण; व्यापार की भूमिका; के लिए और ऋण भार पर दिया जोर,
South Africa 22 November 2025,
दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग स्थित नैसरेक एक्सपो सेंटर में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है। अफ्रीका की धरती में जी-20 सम्मेलन पहली बार आयोजित हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका को भारत की पहल पर हाल ही में जी-20 समूह में शामिल किया गया है।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मीटिंग में शामिल होने पहुंचे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने उनका औपचारिक स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी संबोधन के दौरान जी-20 के मंच पर 3 बड़ी वैश्विक चुनौतियां समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई पीछे न छूटे: हमारी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण; व्यापार की भूमिका; विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण भार , गिनाते हुए उसके हल का प्रस्ताव भी रखा है।
जी-20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि, पिछले कई दशकों में, जी-20 ने ग्लोबल फाइनेंस और ग्लोबल इकोनामिक ग्रोथ को दिशा दी है। लेकिन ग्रोथ के जिन पैरामीटर्स पर अबतक काम हुआ है, उनके कारण बहुत बड़ी आबादी रिसोर्सेस से वंचित रह गई है। साथ ही, प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन को भी बढ़ावा मिला है। अफ्रीका इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी है। आज जब अफ्रीका पहली बार ज-20 समिट की मेजबानी कर रहा है, तो यहां हमें विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, इसका एक रास्ता भारत की सिविलाइजेशन वैल्यूज में है। और वो रास्ता माल मानवीय संवेदना का है। यानि हमें ह्यूमन सोसाइटी, और प्रकृति को एक इंटिग्रेटेड होल के रूप में देखना होगा। तभी प्रगति और प्रकृति के बीच, हार्मनी संभव हो पाएगी।
प्रधानमंत्री ने हैल्थ इमरजेंसीज और नैचुरल डिज़ास्टर्स के संकट से निपटना भी हमारा सामूहिक दायित्व है। इसलिए, भारत का प्रस्ताव है कि जी-20 ग्लोबल हेल्थ केयर रेस्पॉन्स टीम का गठन हो। इसमें G20 देशों के प्रशिक्षित मेडिकल विशेषज्ञ हों। ये टीम, किसी भी ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस या प्राकृतिक आपदा के समय तेज़ी से तैनाती के लिए तैयार रहे। प्रधानमंत्री ने एक और बड़ा विषय ड्रग ट्रेफिकिंग का है। विशेषकर फेंटेनिल जैसे अत्यंत घातक ड्रग्स, तेजी से फैल रहे हैं। ये पब्लिक हेल्थ, सोशल स्टेबिलिटी और ग्लोबल सिक्योरिटी के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। ये टैररिज्म को फाइनांस करने का भी एक बड़ा माध्यम है। इस वैश्विक खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए भारत, जी-20 इनिशिएटिव ऑन काउंटिंग थे ड्रग टेरर नेक्सस का प्रस्ताव रखता है। इसके तहत हम- फाइनांस, गवर्नेंस और सिक्योरिटी से जुड़े अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स को एक साथ ला सकते हैं। तभी ड्रग-टैरर इकोनॉमी को कमज़ोर किया जा सकता है।
भारत-अफ्रीका सोलिडिरिटी हमेशा से मज़बूत रही है। नई दिल्ली समिट के दौरान अफ्रीकन यूनियन का, इस ग्रुप का स्थाई सदस्य बनना एक बहुत बड़ा इनिशिएटिव था। अब ये आवश्यक है कि इस स्पिरिट का विस्तार जी-20 से भी आगे हो। सभी वैश्विक संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की आवाज और बुलंद हो, इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए।
इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका ने अपने जी-20 थीम के रूप में ‘एकजुटता, समानता और सततता’ को चुना है. इस थीम को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण अफ्रीका ने उन नतीजों को भी शामिल किया है जो पहले नई दिल्ली और रियो द जनेरियो में हुए सम्मेलनों में सामने आए थे। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए। राष्ट्रपति ट्रंप के बहिष्कार के बावजूद शिखर वार्ता अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है। दक्षिण अफ्रीका ने इस सम्मेलन में जलवायु आपदाओं से लड़ रहे गरीब देशों के लिए मदद बढ़ाने, विदेशी कर्ज में राहत देने और हरित ऊर्जा के लिए सहयोग बढ़ाने जैसे मुद्दों पर सहमति की उम्मीद जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा Pala दक्षिण अफ्रीका ने विकसित देशों के सामने इन मुद्दों को स्पष्ट रूप से रखा है।
