December 8, 2025

नशे का संकट, देहरादून में खुला राज्य का पहला आधुनिक 30 बैडेड रिहैबिलिटेशन सेंटर-डीएम

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बृहस्पतिवार को ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक ली। उन्होंने नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए विभागों द्वारा अब तक किए गए कार्यों और अवैध ड्रग्स कारोबार में लिप्त दोषियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की विस्तृत समीक्षा की।

किशोर और नाबालिग बच्चों में नशे की प्रवृत्ति को देखते हुए जिलाधिकारी ने चिंता जाहिर करते हुए देहरादून जिले में बच्चों के लिए समर्पित राज्य का पहला एक विशेष नशा मुक्ति केंद्र (रिहैबिलिटेशन सेंटर) का संचालन भी शुरू करने का निर्णय लिया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने समाज कल्याण विभाग को शीघ्र इसकी गाइडलाइन के साथ प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। इस सेंटर का उद्देश्य कम उम्र में नशे की गिरफ्त में आ चुके बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना है।

जिलाधिकारी के प्रयासों से देहरादून में रायवाला ओल्ड एज होम में 30 बैडेड नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस सेंटर में अभी 04 ड्रग्स एडिक्ट भर्ती है। जिला प्रशासन ने एम्स से एमओयू करते हुए सातों दिन एम्स में 10 बेड इंटेंसिव थेरेपी के लिए रिजर्व भी किए है। नशे के संकट को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने अपना एंटी ड्रग्स हेल्पलाइन नंबर 9625777399 भी बनवाया है।

जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित दवा फैक्ट्री एवं मेडिकल स्टोर का निरंतर निरीक्षण करने और नशीले पदार्थों की रोकथाम हेतु सघन जांच अभियान चलाने के भी निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मेडिकल स्टोर पर 10 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी स्थापित कराए जाए। जिन मेडिकल स्टोर पर तब भी सीसीटीवी नही लगते है, ड्रग्स इंस्पेक्टर तत्काल उनका लाइसेंस निरस्त करें। जिलाधिकारी ने जनपद के उच्च शिक्षण संस्थानों में वृहद स्तर पर ड्रग्स टेस्टिंग कराने के भी निर्देश दिए। विद्यालयों के आसपास एवं नशा के संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर सीसीटीवी कैमरे लगाने, निजी एवं शासकीय सभी शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग्स कमेटी में स्कूल के एक छात्र और एक छात्रा को शामिल कर कमेटी को सक्रिय करने, नशीले पदार्थाे के अवैघ कारोबार की सूचना देने हेतु शिक्षण संस्थानों एवं सार्वजनिक स्थानों पर बैनर/पोस्टर के माध्मय से मानस हेल्पलाइन नंबर 1933, एनसीवी मानस पोटर्ल और डिस्ट्रिक्ट डी-एडिक्शन सेंटर हेल्पलाइन नंबर 9625777399 का पोस्टर सभी कार्यालयों में चस्पा कराते हुए इसका व्यापक प्रचार प्रसार कराने और हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए। ताकि नशे के अवैघ करोबार को जड़ से खत्म किया जा सके।

जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को डिटेक्शन सेंटर का स्वयं भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए है। कहा कि जो डिटेक्शन सेंटर मौके पर मौजूद नही, उनका पंजीकरण तत्काल रद्व करें। मादक पदार्थाे की डिमांड एवं सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए एएनटीएफ, एसटीएफ, पुलिस, एनसीबी औषधि नियंत्रक सहित सभी प्रर्वतनकारी संस्थाओं को मिलकर काम करते हुए प्रवाभी कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश दिए। सड़कों पर यातायात नियमों की चेकिंग के दौरान खासतौर पर रात्रि में ड्रग्स टेस्टिंग भी की जाए। मादक पदार्थों के प्रचलन को रोकने और इसके दुष्प्रभावों के बारे में वृहद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाए। प्रत्येक नागरिक को मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 एवं पोर्टल की जानकारी हो, ताकि कोई भी नागरिक नशे के अवैध कारोबार के बारे में आसानी से प्रशासन को सूचना दे सके।

सीओ पुलिस ने बताया कि देहरादून में पिछले एक माह में 19 जगहों पर ड्रग्स का अवैध कारोबार होने की शिकायत मिली थी, जिसमें गहनता से जांच की गई। ड्रग्स के अवैध कारोबार संलिप्त लोगों के विरुद्ध 12 केसों में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम ने बताया कि ग्राफिक एरा, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, यूनिसन कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान 17 छात्र-छात्राओं की ड्रग्स टेस्टिंग भी कराई गई।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright2017©Spot Witness Times. Designed by MTC, 9084358715. All rights reserved. | Newsphere by AF themes.