युवा नागरिक सेवक राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को समझें और सैनिकों की तरह कठिन परिस्थितियों के लिए सदैव तैयार रहें: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
Uttrakhand 29 November 2025,
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवा नागरिक सेवकों से राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने और वीर सैनिकों की तरह ही ऐसी कठिन परिस्थितियों के लिए सदैव तैयार रहने का आह्वान किया। रक्षामंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर नागरिक-सैन्य समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां प्रशासनिक मशीनरी ने सशस्त्र बलों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण सूचनाओं का संचार किया और जनता का विश्वास जीता। रक्षा मंत्री ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के लिए शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच बेहतर समन्वय पर बल दिया।
रक्षा मंत्री ने आज उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित किया। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षुओं से कहा कि, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य को गति देने में नागरिक सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2014 में हमारी सरकार बनी थी, तब आर्थिक आकार के मामले में भारत 11वें स्थान पर था। पिछले 9-10 वर्षों में, हम चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं। आप केवल आदर्शवादी संरक्षक नहीं, बल्कि लोगों के सेवक हैं। आप केवल प्रदाता ही नहीं, बल्कि सशक्तिकरण के सूत्रधार भी हैं। आपका चरित्र भ्रष्ट न हो। आपका आचरण सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण होना चाहिए। आपको एक ऐसी संस्कृति बनानी होगी जहां सत्यनिष्ठा न तो कोई गुण हो और न ही अपवाद; बल्कि यह दैनिक जीवन का एक सामान्य हिस्सा हो। उन्होंने अधिकारियों से उत्तरदायी और सार्वजनिक जवाबदेही की भावना के साथ कार्य करने का आग्रह किया।

रक्षा मंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारियों नागरिक सेवको से प्रौद्योगिकी-संचालित युग में नवोन्मेषी तरीके से कार्य करने और लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और आयकर विभाग की फेसलेस असेसमेंट योजना की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी आज एक सक्षमकर्ता की भूमिका निभा रही है। रक्षा मंत्रालय की सम्पूर्ण पहल का उल्लेख करते हुए, उन्होंने बताया कि यह एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-संचालित स्वचालन प्रणाली है जो रक्षा खरीद और भुगतान का पारदर्शी तरीके से विश्लेषण करती है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी एक माध्यम होनी चाहिए, साध्य नहीं। रक्षा मंत्री कहा ने अधिकारियों से कहा कि आपको जन-पहुंच और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए। कल्याण को बढ़ावा देने और समावेशिता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने सिविल सेवाओं में महिलाओं की निरंतर प्रगति को स्वीकार करते हुए कहा कि नवीनतम यूपीएससी परीक्षा में एक महिला ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और शीर्ष पांच उम्मीदवारों में से तीन महिलाएं थीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2047 तक, कई महिलाएं कैबिनेट सचिवों के पदों तक पहुंचेंगी और भारत की विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगी।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की विरासत पर विचार व्यक्त करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि उनके नाम पर स्थापित अकादमी साहस, सरलता और सत्यनिष्ठा की प्रतीक है। उन्होंने 1965 के युद्ध में शास्त्री जी के नेतृत्व, हरित क्रांति में उनकी भूमिका और “जय जवान, जय किसान” के उनके संदेश को याद किया और अधिकारियों से उनके उदाहरण से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। यूपीएससी के 100वें वर्ष के अवसर पर, उन्होंने कहा कि यूपीएससी और एलबीएसएनएए के बीच साझेदारी ने प्रशासकों की कई पीढ़ियों को आकार दिया है और यह भारत के शासन ढांचे को मज़बूत करती रहेगी।
इससे पहले, श्री राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने अकादमी परिसर में एक ओडीओपी मंडप का भी उद्घाटन किया।
